महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई मेट्रो कार शेड परियोजना पर राजनीतिक गतिरोध को हल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि दुर्भाग्य से, अदालत में हमारे खिलाफ कौन गया? केंद्र सरकार! मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी केंद्र सरकार की कोई परियोजनाएं होती हैं, हम बिना किसी विवाद के भूमि देते हैं. अगर वे हमारी परियोजनाओं का विरोध करते हैं तो हमें भी बुलेट ट्रेन जैसी उनकी परियोजनाओं का विरोध करना चाहिए. यह जमीन केंद्र या राज्य की नहीं है, यह लोग की हैं. केंद्र और राज्य को बैठकर इसका हल निकालना चाहिए.
क्या है मामला
बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कांजुरमार्ग में मेट्रो कारशेड बनाने के लिए 102 एकड़ दिए जाने के मुंबई उपनगर जिला कलेक्टर के आदेश पर स्टे लगा दिया. कोर्ट ने इस जमीन पर फरवरी में अगली सुनवाई तक किसी तरह के निमार्ण कार्य पर भी रोक लगा दी है. उद्धव ठाकरे सरकार ने आरे से हटकर कांजुरमार्ग की इस जमीन को मेट्रो कारशेड बनाने के लिए चुना था, इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ठनी हुई है.
केंद्र ने इस जमीन पर अपना दावा ठोंका है और मेट्रो कार शेड के लिए इस जमीन को आवंटित करने के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाई कोर्ट के फैसले पर बीजेपी ने कहा था कि उद्धव ठाकरे की सरकार अपना ईगो किनार रखकर आरे में कारशेड के निर्माण का काम शुरू करे.