शिवसेना के विधायक और पार्टी को समर्थन देने वाले 8 निर्दलीय विधायक मुंबई के मलाड में रिट्रीट होटल में ठहरे हुए हैं. इन विधायकों को मातोश्री से पार्टी हाईकमान के अगले निर्देशों का इंतज़ार है.
शिवसेना के कुछ विधायकों ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि जो भी हाईकमान से निर्देश मिलेगा वो उसका पालन करेंगे. शिवसेना विधायक जो बात एकसुर में कह रहे हैं वो है मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे के साथ रविवार को होटल में बैठकें की थीं. पार्टी के सारे विधायक आश्वस्त हैं कि महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना की ही सरकार बनेगी.
ठाणे से सेना विधायक प्रताप सरनायक ने इंडिया टुडे को बताया, “हम बीते चार दिन से यहां हैं. हमने किसानों के मुद्दों पर विचार किया. बारिश से उनकी फसलें खराब हुई हैं. जैसे ही सरकार बनेगी शिवसेना उनके ब्याज माफ करेगी और उनकी जमीन को मुक्त करेगी. ये (सरकार बनाने का) फैसला पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे का है. जैसा कि उद्धव ठाकरे ने एलान किया है कि बाला साहेब ठाकरे की इच्छा के अनुसार मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा और हम उस दिशा की ओर बढ़ रह हैं.”
सरनायक ने कहा, हम सभी पार्टी विधायक और निर्दलीयों, कुल 64 ने हस्ताक्षर करने के बाद समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को देने के लिए पार्टी के मुख्य सचेतक को सौंप दी है. सभी विधायकों के राज भवन जाने की जरूरत नहीं है. समय समय पर हमें मातोश्री से निर्देश मिल रही हैं. हम ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी सरकार बने.”
एनसीपी और कांग्रेस से चल रहे संवाद के बारे में पूछे जाने पर यवतमाल के सेना विधायक संजय राठौड़ ने कहा, “जहां तक कांग्रेस और एनसीपी की मांगों का सवाल है तो उद्धव ठाकरे हमारे पार्टी प्रमुख हैं और वो उनसे अवश्य बात कर रहे होंगे. हमें इतना पता है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा. अगर सेना का मुख्यमंत्री बनता है तो हम किसानों की मदद की कोशिश करेंगे क्योंकि उन्हें विपरीत मौसम की मार से बहुत नुकसान सहना पड़ा है.”
राठौड़ ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य है कि किसानों के सारे जमीन संबंधी मामले साफ हों और वो गुज़ारा सही तरह से चले.’ नायक के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने बार बार 50-50 फॉर्मूले के बारे में बताया और कहा कि मुख्यमंत्री सेना का ही होगा. हम दुखी हैं कि हमारे सहयोगी अपने वादे और शब्दों पर नहीं टिका रहा. ना ही उसने अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान किया.
चुनाव नतीजों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी बीजेपी की ओर से सरकार बनाने के लिए बहुमत जुटाने में असमर्थता जताने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दूसरे नंबर की पार्टी शिवसेना से पूछा है कि क्या वो सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने की स्थिति में है. इसी संबंध में सोमवार को दिन भर गहमागहमी रही. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में पार्टी स्तर पर और आपस में विचार विमर्श के दौर चलते रहे.