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मराठा आरक्षण को लेकर रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित, एक महीने में सौंपेगी रिपोर्ट

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा भड़का हुआ है. इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने को लेकर एक सरकारी संकल्प (गवर्नमेंट रेज्योलूशन) जारी किया है. सरकारी संकल्प के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार ने मराठा प्रदर्शनकारी मनोज जारांगे पाटिल को एक पत्र भी जारी किया है, जिसमें उनसे भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की गई है.

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मराठा आरक्षण को लेकर सरकार ने समिति गठित की है
मराठा आरक्षण को लेकर सरकार ने समिति गठित की है

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा भड़का हुआ है. हाल ही में जालना में हिंसा भड़की थी, इसके बाद मराठाओं के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राजनीति गर्माई हुई है. इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने को लेकर एक सरकारी संकल्प (गवर्नमेंट रेज्योलूशन) जारी किया है. जो महाराष्ट्र में मराठा आंदोलनकारियों द्वारा रखी गई मांगों पर काम करेगी. 

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बता दें कि प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि उन्हें आरक्षण के लिए ओबीसी कोटा में शामिल किया जाए. यह समिति एक महीने में रिपोर्ट सौंपेगी. जिसमें बताया जाएगा कि कैसे मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जा सकता है. 5 सदस्यीय समिति में अतिरिक्त सचिव (राजस्व), प्रमुख सचिव (कानून और व्यवस्था), संबंधित जिलों के कलेक्टर, संभागीय आयुक्त (औरंगाबाद उर्फ संभाजी नगर) शामिल हैं.

सरकारी संकल्प के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार ने मराठा प्रदर्शनकारी मनोज जारांगे पाटिल को एक पत्र भी जारी किया है, जिसमें उनसे भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की गई है.

बता दें कि महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण को लेकर तनाव है. यहां मनोज झरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं. एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले आंदोलन स्थल पर पहुंचे थे. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इस दौरान कहा कि मराठा समुदाय मराठा आरक्षण के लिए शांतिपूर्ण विरोध रैलियां निकाल रहा है. पुलिस को अत्यधिक बल या लाठीचार्ज नहीं करना चाहिए था. मुझे लगता है कि ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामले वापस ले लिए जाने चाहिए. मुझे नहीं पता कि पुलिस को ऐसा क्यों लगा और किसने बताया कि झरांगे पाटिल का स्वास्थ्य खराब हो गया है और इसलिए उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाने की जरूरत है.

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वहीं, झरांगे ने कहा कि जिन मराठों के पास यह प्रमाणपत्र नहीं है, उन्हें बिना शर्त कुनबी प्रमाणपत्र देने के लिए सीएम ने एक महीने की मोहलत मांगी है. इसके लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. कल 123 ग्रामीणों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा और हम चर्चा करेंगे. लेकिन तब तक मेरा आमरण अनशन आंदोलन जारी रहेगा.

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