कांग्रेस नेता संजय निरुपम आम आदमी पार्टी की राह पर चलते हुए मुंबई में रिलायंस के खिलाफ अनशन पर बैठ गए है. निरुपम ने मांग की है कि जब तक मुंबई में बिजली के दाम रिलायंस कम नहीं करेगी, तब तक वो भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे.
चुनाव के नजदीक आते ही नेताओं को क्या-क्या नहीं करना पड़ता. अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सचिव संजय निरुपम ने मुंबई में बिजली की दरें घटाने की मांग को लेकर गुरुवार से अनिश्िचतकालीन अनशन शुरू कर दिया है. निरुपम ने उत्तरी मुंबई के कांदीवली में रिलायंस एनर्जी के दफ्तर के बाहर अपना अनशन शुरू किया है. मुंबई उत्तर से लोकसभा सदस्य निरुपम के मुताबिक वो अपनी मांग पूरी होने तक अनशन करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरा अनशन रिलायंस के खिलाफ है. मेरी उनसे पिछले 20 दिनों से बात हो रही है लेकिन वो कुछ भी कर नहीं रहे.
संजय निरुपम का यह अनशन दिल्ली में हुए अन्ना और केजरीवाल से जरा हटकर था. मौका देखते ही निरुपम सड़क पर उतर आए और उन्होंने रास्ते को जाम कर दिया. मामले को गंभीर होता देख पुलिस ने कुछ समर्थकों को हिरासत में भी ले लिया है. हाल में पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल ने तय किया था कि मुंबई के अलावा महाराष्ट्र के अन्य शहरों में 300 यूनिट बिजली से कम खपत करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली की दर में 20 फीसदी कटौती की रियायत दी जाएगी. राज्य सरकार के इस फैसले से सरकारी कोष पर 7,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
मुंबई में बिजली की दरों को लेकर रिलायंस ने साफ कर दिया है कि सब कुछ रेग्युलेटर के हाथों में है और अगर बिजली की दरों में कटौती करनी है तो सरकारी सब्सिडी को और बढ़ाया जाए. कांग्रेस की ही समर्थक NCP भी यही मानती है की निरुपम का यह अनशन बेफजूल है. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है कि वो यह सब कुछ आगामी चुनाव के लिए कर रहे है.