महाराष्ट्र में शिवसेना के विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी से बगावत कर दी. शिवसेना के बागियों और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार भी बना ली. अब सूबे की सियासत में शिवसेना के बाद कांग्रेस में बगावत की चर्चा तेज हो गई है.
कांग्रेस में बगावत को लेकर जताया जा रहा अंदेशा आधारहीन भी नहीं है. हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस और कांग्रेस के दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की मुलाकात हुई थी. बीजेपी और कांग्रेस के दो दिग्गजों की मुलाकात के बाद इस तरह की चर्चा को और हवा मिल गई.
इसे लेकर अब कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सफाई दी है. कांग्रेस नेता नाना पटोले ने फडणवीस और चव्हाण की मुलाकात को महाराष्ट्र की राजनीति की परंपरा से जोड़ा है. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में ये परंपरा है कि त्योहार के समय सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता सौहार्दपूर्ण तरीके से एक-दूसरे से मिलते हैं.
नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि शिवसेना के खेमे में क्या हो रहा है और कौन-कौन से नए गठबंधन बन सकते हैं. कांग्रेस लोगों का कल्याण करना चाहती है और उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ती रहेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी की ओर से इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है कि कांग्रेस के भीतर बगावती सुर उभर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल बीजेपी राहुल गांधी की पदयात्रा से डरी हुई है.
गौरतलब है कि फडणवीस और चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ओएसडी आशीष कुलकर्णी के वर्ली स्थित आवास पर गणेश पूजा में गए हुए थे. इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई. हालांकि बाद में आजतक से बातचीत में कांग्रेस नेता चव्हाण ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया था.
महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रही है. अधिक समय नहीं हुआ है, जब शिवसेना के विधायकों ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बगावत कर दी थी, नतीजतन महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार गिर गई थी. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.