विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया अलायंस में सीट शेयरिंग का पेंच फंसा है. डेडलाइन निकल गई है, लेकिन सीटों को लेकर सांमजस्य नहीं बन सका है. इस बीच, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में शामिल वंचित बहुजन विकास आघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है और सवाल पूछे हैं. प्रकाश ने यह भी दावा कर दिया है कि अगर कांग्रेस से सीटों पर सामंजस्य नहीं बनता है तो उनकी और उद्धव के बीच सीट बंटवारे पर बात फाइनल हो गई है.
प्रकाश ने आगे कहा, कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या 2024 का चुनाव उनके लिए सॅारी रीबिल्डिंग के लिए है या वो गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के लिए गंभीर हैं. प्रकाश का कहना था कि मैं इस बात से हैरान हूं कि चुनाव की तैयारी के बजाय कांग्रेस राहुल गांधी की न्याय यात्रा की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार सभी को एक साथ लेकर आए. अब कांग्रेस लीड रोल में आ गई है तो उसे जल्द से जल्द बातचीत सुनिश्चित करनी चाहिए और नेतृत्व करना चाहिए.
प्रकाश ने और क्या कहा...
- सिर्फ यह कहने से काम नहीं चलता कि आप लड़ना चाहते हैं, यह स्पष्ट होना चाहिए.
- मैंने और उद्धव ठाकरे ने पहले ही तय कर लिया है कि अगर कांग्रेस साथ नहीं आती है और एमवीए में सीटों का बंटवारा नहीं होता है तो उन्हें कौन-कौन सी सीटों पर लड़ना चाहिए.
- क्षेत्रीय पार्टियां लड़ाई में गंभीर हैं, लेकिन तथाकथित राष्ट्रीय पार्टियां नहीं.
- कांग्रेस गठबंधन बनाने में जितना ज्यादा समय ले रही है, उतना ही सीट बंटवारे पर निर्णय ले रही है, इससे मोदी और बीजेपी को ज्यादा मदद मिल रही है.
- किसी के पास उम्मीदवार हैं या नहीं, किसी के पास वोट शेयर है या नहीं... इसका फैसला टेबल पर हो सकता है लेकिन वे इस बारे में आकर बात भी नहीं कर रहे हैं.
- एमवीए सरकार को गिरे हुए एक साल हो गया है, यह दुखद है कि एक साल बाद भी वे सीट बंटवारे और गठबंधन पर फैसला नहीं कर पाए हैं.
महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर लगातार बयानबाजी
महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत का भी बयान आया था. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीट पर लड़ेगी. हालांकि, उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जिससे एमवीए गठबंधन को नुकसान पहुंचे.
वहीं, कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने संजय राउत पर हमला बोला था. निरूपम ने कहा था, अगर किसी को लगता है कि कांग्रेस को बाहर रख कर सीट शेयरिंग की चर्चा हो सकती है तो मैं कहना चाहूंगा कि कांग्रेस के बिना MVA और इंडिया अलायंस दोनों का ही कोई अर्थ नहीं बचेगा. कांग्रेस को मुंबई में या कहीं भी काम करके नहीं आंका जा सकता.