गोवा में एक विधायक के 'बिकिनी बीच' बनाने के सुझाव पर सियासी बवाल मचना शुरू हो गया है. राज्य के महाराष्ट्रवादी गोमंकर पार्टी के विधायक लावू मामलेदार ने गोवा में 'प्रवेश शुल्क वाले विशेष बीच' बनाए जाने की मांग रखी है जहां महिलाओं को बिकिनी पहनने की अनुमति होगी.
कांग्रेस ने इस मामले ने इस मामले को सियासी रंग देते हुए शनिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि महिलाओं पर प्रतिबंध और बिकिनी पहनने पर रोक लगाना सरकार की एक चाल है, क्योंकि सरकार गोवा के समुद्री तटों का निजीकरण करना चाहती है.
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गादास कामत ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, 'ऐसे बयान देकर वे महिलाओं की स्वतंत्रता छीननकर उन पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं.'
गौरतलब है कि महाराष्ट्रवादी गोमंकर पार्टी (एमजीपी) के विधायक लावु मामलेदार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा था कि गोवा में एक हजार से दो हजार रुपये के प्रवेश शुल्क वाले 'विशेष बिकिनी समुद्रतट' बनाए जाने चाहिए.
मामलेदार ने कहा, 'इससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा.' उन्होंने कहा कि प्रवेश शुल्क वाले 'बिकिनी समुद्रतटों' से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
दूसरे तरफ गोवा सरकार ने इस पूरे मामले ये पल्ला झाड़ लिया है. राज्य के पर्यटन मंत्री दिलीप पारुलेकर ने कहा कि ये मामलेदार की निजी बयान है और इससे सरकार का कोई लेना देने नहीं है. इससे पहले, मामलेदार के सहयोगी और जनकल्याण विभाग के मंत्री सुदीन धवलीकर के विवादित बयान ने हचलल मचा दी थी, जिसमें पिछले महीने उन्होंने बिकिनी, मिनी स्कर्ट और पबों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी और कहा था कि ये भारतीय संस्कृति के खिलाफ है.