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कोरोना: PM मोदी के संबोधन पर शिवसेना का तंज, पूछा- लीपापोती से क्या होगा!

शिवसेना ने कहा, ' महाराष्ट्र क्या, पूरे राष्ट्र में कोरोना की स्थिति नाजुक है, प्रधानमंत्री के भाषण से ऊर्जा मिलेगी ऐसा लगा था, परंतु ‘संकट बड़ा है, आप अपना खुद देख लो, सतर्क रहो.’ यही उनके भाषण का सार है. लीपापोती से क्या होगा!'

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शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो)
शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिवसेना ने PM मोदी पर साधा निशाना
  • ‘लॉकडाउन टालें’ के सुझाव पर उठाया सवाल

महाराष्ट्र में कोरोना हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. तमाम बंदिशों के बाद भी कोरोना की चेन टूटती नहीं दिख रही है. अब महाराष्ट्र सरकार के सामने संपूर्ण लॉकडाउन का ही विकल्प बचा है, जिसकी पैरवी कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने की है. इस बीच शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लॉकडाउन टालें’ के सुझाव पर सवाल दागे हैं.

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महाराष्ट्र में कोरोना के आंकड़ों का जिक्र करते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘लॉकडाउन टालो’ ऐसी सलाह हमारे प्रधानमंत्री किस आधार पर दे रहे हैं? महाराष्ट्र में दसवीं की परीक्षा रद्द करनी पड़ी है, केंद्र सरकार ने भी बीते सप्ताह ‘सीबीएसई’ की परीक्षा रद्द कर दी है, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, यूपी की स्थिति नियंत्रण के बाहर हो गई है.

शिवसेना ने कहा, 'कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने पुर्तगाल का दौरा रद्द कर दिया, ये सही है, लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल की भीड़ वाली चुनावी सभाओं को समय रहते ही खत्म कर दिया होता तो कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकता था, पश्चिम बंगाल में प्रचार के लिए भाजपा ने देशभर से लाखों लोगों को एकत्रित किया.'

शिवसेना ने कहा, 'शासकों को पहले खुद पर पाबंदी लगानी होती है, अन्य देशों के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति ऐसी पाबंदियां खुद पर लगाते हैं, इससे उन्हें जनता को प्रवचन देने का नैतिक अधिकार मिला है, नार्वे के प्रधानमंत्री ने उनके जन्मदिन पर दस लोगों को अनुमति होने के बावजूद तेरह लोगों को बुलाया तो वहां की पुलिस ने अपने ही प्रधानमंत्री को कड़ी सजा दी.'

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शिवसेना ने कहा, 'देश की परिस्थिति कोरोना के कारण बिगड़ गई है ये प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया, परंतु किया क्या जाए, ये नहीं बताया. कोरोना का मुकाबला करना इक्का-दुक्का लोगों का काम नहीं है, सभी के एकजुट होकर प्रयास करने से कोरोना संक्रमण की शृंखला को तोड़ने में मदद मिलेगी, ऐसा महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल ने कहा है.'

शिवसेना ने कहा, 'देश में ऑक्सीजन की कमी है और इस पर केंद्र सरकार औपचारिक जवाब ही देती है, देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीज ऑक्सीजन के अभाव में तड़पकर प्राण त्याग रहे हैं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को इस बारे में फटकार लगाई है, प्रधानमंत्री अथवा उनके सहयोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रयास करना चाहिए.'

शिवसेना ने कहा, ' महाराष्ट्र क्या, पूरे राष्ट्र में कोरोना की स्थिति नाजुक है, प्रधानमंत्री के भाषण से ऊर्जा मिलेगी ऐसा लगा था, परंतु ‘संकट बड़ा है, आप अपना खुद देख लो, सतर्क रहो.’ यही उनके भाषण का सार है. लीपापोती से क्या होगा!'

 

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