महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना के मामले कम होने के साथ ही बृहन्मुंबई नगर निगम ने कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. बीएमसी ने बच्चों के डॉक्टरों को स्पेशल ट्रेनिंग देने का फैसला किया है जिससे वो कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान इस महामारी का डटकर मुकाबला कर सकें.
निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने निगम स्तर के स्वास्थ्य पदों पर काबिज कर्मचारियों को होम विजिट के आदेश दिए हैं. इसके अलावा स्लम इलाकों में, पब्लिक टॉयलेट, और सार्वजनिक प्रांगण में और ज्यादा साफ-सफाई के निर्देश दिए गए हैं.
बीएमसी ने फैसला किया है कि एक एक्शन प्लान लागू किया जाएगा और सर्किल डिप्टी कमिश्नर इसकी प्रगति की जांच करेंगे. बीएमसी का कहना है कि कोरोना संबंधी एहतियाती उपाय बीएमसी में लागू किए गए हैं. मुंबई के लोगों ने भी अच्छा सहयोग किया है. यही वजह है कि कोरोना की दूसरी लहर को भी ठीक से मैनेज कर लिया गया.विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की है. इसका खतरा बच्चों को ज्यादा है. इसलिए बीएमसी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
प्रशासनिक इकाइयों को दिए गए हैं ये निर्देश
परिषद के सभी असिस्टेंट कमिश्नरों को अपने संबंधित क्षेत्रों में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाने के लिए कहा गया है. इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं. यह प्रोग्राम बैच में आयोजित करने के लिए कहा गया है ताकि लोगों के बीच सुरक्षित दूरी बनी रहे. ऐसे प्रोग्राम परिषद के मेडिकल कॉलेजों के संबंधित विभाग के एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन में आयोजित किए जाएंगे. जरूरी प्लानिंग की जिम्मेदारी परिषद के डायरेक्टर (मेडिकल एजुकेशन एंड मेजर हॉस्पिटल) को दी गई है. डॉ.रमेश भारमाल को इस टास्क के लिए चुना गया है.