कोरोना से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. तेज रफ्तार कोरोना के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. कई जगह ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है तो कई जगह रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है. रेमडेसिविर को लेकर महाराष्ट्र सरकार और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जुबानी जंग भी चल रही है. इन सबके बीच महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का भी बयान आया है.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारे पास कोरोना संक्रमितों के लिए जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर की कमी है. उन्होंने कहा कि हमने मरीजों की हालत के आधार पर ए,बी, सी, डी, ई और एफ कैटेगरी में वर्गीकरण किया है. केवल ई और एफ कैटेगरी के मरीजों को ही रेमडेसिविर इंजेक्शन दी जानी चाहिए. ए, बी, सी और डी कैटेगरी के मरीज Fabi Flu और अन्य दवाओं से ठीक हो सकते हैं.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा है कि हमने डॉक्टरों के लिए प्रोटोकॉल तय किए हैं जिसका पालन सभी को करना होगा. हमने सभी से स्टॉक के लिए बोला है जिससे हर उस मरीज को रेमडेसिविर मिल सके जिसे इसकी जरूरत है और ब्लैक मार्केटिंग न होने पाए. उन्होंने इस मसले पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से भी बात करने की जानकारी दी और कहा कि 45 मिनट तक हुई बातचीत में मांडविया ने सभी सात कंपनियों से भी नए प्लांट लगाने को कहा है.
राजेश टोपे ने उम्मीद जताई कि चार से पांच दिन में स्थिति में सुधार होगा. महाराष्ट्र को हर दिन 40 से 50 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलते थे. अगले चार-पांच दिन में उत्पादक जब उत्पादन डबल कर देंगे, तब उम्मीद है कि हमें हमारी जरूरत के मुताबिक रेमडेसिविर का कोटा मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस समय हर रोज 70 से 80 हजार रेमडेसिविर की जरूरत है.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम केंद्र सरकार और रेमडेसिविर के उत्पादकों के लगातार संपर्क में हैं. ऑक्सीजन को लेकर टोपे ने कहा कि प्रदेश में 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता है. इस ऑक्सीजन के अलावा अन्य राज्यों से भी 350 से 500 मीट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन मंगवाई जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनके साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात कर यह मांग की है कि महाराष्ट्र को उसके कोटे की ऑक्सीजन दी जाए.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के गृह सचिव ने अन्य राज्यों को पत्र लिखकर भी कहा है कि महाराष्ट्र के लिए कोई बाधाएं उत्पन्न ना करें. वैक्सीनेशन को लेकर टोपे ने कहा कि हर रोज करीब साढ़े तीन लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है. गौरतलब है कि रेमडेसिविर की किल्लत के बीच इसे लेकर सरकार और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई थी. महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने केंद्र पर आरोप लगाए तो विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए रेमडेसिविर सप्लायर को केवल इसलिए पकड़कर डराने के आरोप लगाए थे क्योंकि वह बीजेपी के नेताओं से मिला था.