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कोरोना वायरस: पूरे महाराष्ट्र में कल से धारा 144 लागू, विदेशी फ्लाइट की लैंडिंग पर रोक

मुख्यमंत्री ने कहा, महाराष्ट्र कोरोना वायरस की महामारी के सबसे खतरनाक चरण में पहुंच गया है, इसलिए लोगों से आग्रह है कि वे कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एहतियात के सभी कदम उठाएं और अपना ख्याल रखें. जो लोग सेल्फ क्वारनटीन में हैं, उनसे आग्रह है कि वे घरों में रहें.

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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से सहयोग करने का आग्रह किया (फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से सहयोग करने का आग्रह किया (फाइल फोटो)

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  • 31 मार्च तक सार्वजनिक परिवहन सेवा बंद
  • कोरोना के खतरनाक चरण में पहुंचा महाराष्ट्र

कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में सोमवार से धारा 144 लागू कर दी गई है. इस धारा के तहत सड़क पर एक साथ 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते. इसका ऐलान रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जिनके हाथ पर सेल्फ क्वारनटीन की मुहर लगी है उन्हें अपने परिजनों से दूर रहना होगा.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, मैं सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि सोमवार सुबह तक जनता कर्फ्यू में अपने घरों में रहें क्योंकि कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. पूरे महाराष्ट्र में धारा 144 लगाने के अलावा मेरे पास दूसरा कोई चारा नहीं है. देश से बाहर की किसी फ्लाइट को मुंबई में उतरने की इजाजत नहीं होगी. उन्होंने कहा, सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 25 फीसदी से 5 फीसदी हो गई है. 31 मार्च तक सार्वजनिक परिवहन सुविधा का इस्तेमाल वही लोग कर सकेंगे जो जरूरी सेवा में लगे हैं.

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मुख्यमंत्री ने कहा, महाराष्ट्र कोरोना वायरस की महामारी के सबसे खतरनाक चरण में पहुंच गया है, इसलिए लोगों से आग्रह है कि वे कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एहतियात के सभी कदम उठाएं और अपना ख्याल रखें. जो लोग सेल्फ क्वारनटीन में हैं, उनसे आग्रह है कि वे घरों में रहें. अगर हम बचें तो वायरस आगे नहीं पनप पाएगा. हमें घर पर भी आइसोलेशन में ही रहना चाहिए. इस बीमारी से जांच की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, लोकल ट्रेन और लंबी दूरी की ट्रेन सेवा रोकी दी गई है. शहर के अंदर बस सेवा का इस्तेमाल वही लोग कर सकेंगे जो जरूरी सेवाओं से जुड़े हैं. रोजमर्रा के सामान बेचने वाली दुकानें, राशन, दूध, सब्जी की दुकानें और बैंक खुले रहेंगे. सिर्फ 5 फीसदी सरकार कर्मचारी ही काम करेंगे. 25 फीसदी से घटाकर यह संख्या 5 फीसदी की जा रही है. यह प्रावधान 31 मार्च तक के लिए है लेकिन जरूरी हुआ तो उसके आगे भी बढ़ाया जाएगा. कंपनियों और फैक्ट्री मालिकों को अपने श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी देनी चाहिए और इंसानियत कतई नहीं छोड़नी चाहिए. मुश्किल दौर शुरू हो गया है, लोग इसके पहले भी सहयोग करते रहे हैं और उम्मीद है कि आगे भी करेंगे.

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