पार्षद दंपति पर आरोप है कि वो जुलाई 2018 में मानस शिक्षण मंडल ट्रस्ट की ओर से संचालित ‘आजाद इंग्लिश हाई स्कूल’ में जबरन घुसे थे. उनके साथ दो बच्चों के अभिभावक भी थे. जब ये घटना हुई उस वक्त स्कूल में करीब 700 बच्चे और स्टाफ के 33 सदस्य मौजूद थे. दोनों पार्षद और अभिभावक स्कूल में फीस वृद्धि का विरोध कर रहे थे. पहले स्कूल की फीस 750 रुपए थी जिसे बढ़ाकर 850 रुपए कर दिया गया था. पार्षदों ने अभिभावकों के सामने स्कूल प्रबंधन को ये ऐलान करने पर मजबूर कर दिया कि फीस 100 रुपए घटा दी जाएगी.
घटना के बाद ट्रस्ट के संयुक्त सचिव अमोल पांडे ने पुलिस में केस दर्ज कराने की कोशिश की. लेकिन पुलिस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद पांडे ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. स्कूल की तरफ से वकील आदित्य मिश्रा ने पैरवी में कहा, ‘छात्रों से मिलने वाली फीस से स्कूल संचालित किया जाता है और स्टाफ का वेतन दिया जाता है. स्कूल की ओर से बच्चों के लिए एसी कक्ष में नई आडियो-विजुअल सुविधा शुरू की गई, जिसके लिए फीस बढ़ाई गई और ये सब पेरेन्ट-टीचर मीटिंग में विचार करने और सहमति लिए जाने के बाद हुआ.’
दलीलें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा 202 के तहत पुलिस को जांच करने का आदेश दिया. साथ ही इस संबंध में 11 फरवरी को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा.