एनसीपी प्रमुख और वरिष्ठ नेता शरद पवार डीडीसीए में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं. एक मराठी समाचार पत्र के कार्यक्रम में पवार ने जेटली का बचाव करते हुए कहा कि जेटली इस तरह का काम नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली क्रिकेट असोसिएशन अनियमितताओं का शिकार है और कीर्ति आजाद ने तीन-चार साल पहले ही यह मुद्दा उठाया था.
एनसीपी नेता ने कहा कि बिना टिकट के क्रिकेट देखने के लिए पास हासिल करने की प्रवृत्ति के कारण कुछ लोग डीडीसीए में अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार हैं लेकिन इसके लिए जेटली को दोष नहीं दिया जा सकता है.
कीर्ति पर बीजेपी के अंदर घमासान
बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद को निलंबित किए जाने के बाद पार्टी में सियासी घमासान तेज हो गया है. गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया.
लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी के घर पहुंचे. यशवंत सिन्हा और शांता कुमार भी वहां मौजूद थे. माना जा रहा है कि कीर्ति को निलंबित किए जाने के मुद्दे पर चारों दिग्गज नेताओं के बीच बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल आडवाणी और जोशी के साथ-साथ ये नेता भी चाहते हैं कि जेटली के खिलाफ डीडीसीए को लेकर लगे आरोपों की जांच कराई जाए.
जेटली के खिलाफ जांच चाहता है वरिष्ठ नेतृत्व
सूत्रों से जानकारी मिली है कि बीजेपी के ये वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के मामले में जांच चाहते हैं. वो चाहते हैं कि अरुण जेटली के खिलाफ जांच कमिशन नियुक्त की जाए. माना जा रहा है कि जेटली के खिलाफ जांच बिठाई जा सकती है.
स्वामी ने कहा- पार्टी को ईमानदार नेता को नहीं गंवाना चाहिए
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को बीजेपी के लोकसभा सांसद कीर्ति आजाद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया. डीडीसीए विवाद में कीर्ति सार्वजनिक रूप से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाते रहे थे. अब बीजेपी के ही नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कीर्ति का बचाव करते हुए कहा है कि पार्टी को उनके जैसे ईमानदार नेता को नहीं खोना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि वो कीर्ति की हर संभव मदद करेंगे.
कीर्ति की मदद करने का वादा
कीर्ति ने कहा कि उन्हें पार्टी की तरफ से नोटिस मिला है और वो उसका जवाब देंगे. उन्होंने बताया कि सुब्रमण्यम स्वामी जवाब देने में उनकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा, 'मैं शाम तक पार्टी को जवाब दूंगा.' इस बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने कहा, 'मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि ड्राफ्ट नोटिस तैयार करने में कीर्ति आजाद की मदद करूंगा. मैं उन्हें तब से जानता हूं, जब वो नौजवान थे. मैं उनके पिता का अच्छा दोस्त रहा. इसके आगे मैं यही कहूंगा कि वो अब भी बीजेपी के सदस्य हैं. मुझे उनकी मदद करने का पूरा अधिकार है. मुझे नहीं लगता कि पार्टी को ऐसे ईमानदार इंसान को खोना चाहिए.'
कीर्ति ने दी धमकी
आज तक से बातचीत में कीर्ति आजाद ने कहा कि उन्होंने अभी दूसरी पार्टी में जाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन पार्टी को दो टूक चेतावनी जरूर दे डाली. उन्होंने कहा- देखिए आगे-आगे होता है क्या. निलंबन के बाद कीर्ति ने कहा कि वो डीडीसीए में अनियमितताओं के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे.
सच बोलने की सजा मिली
निलंबन के बाद मीडिया के सामने आए कीर्ति आजाद ने कहा कि मैंने कोई पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं की. मैं 9 साल से इस मुद्दे को उठा रहा हूं. अगर कोई जिम्मेदार है तो वो पार्टी स्वयं है. जो सच बोलता है वो बाहर होता है. अब मैं बताता हूं. मैंने व्यक्तिगत किसी के खिलाफ नहीं बोला. ये पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हटाया गया.
कीर्ति ने पीएम पर भी दागे सवाल
कीर्ति ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपने निलंबन की वजह पूछी है. उन्होंने कहा, 'मैं पीएम नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि उन्हें सामने आकर सामने आकर बताना चाहिए कि मेरा कसूर क्या है. मैं जानना चाहता हूं कि क्या मुझे इसलिए निलंबित किया गया है कि मैंने डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है. क्या मुझे इसलिए निलंबित किया गया है कि मैंने बीसीसीआई में भी भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में आवाज उठाई थी. मैं उचित जवाब चाहता हूं. पार्टी को साफ करना चाहिए कि मैंने किनके साथ सांठ-गांठ की है. मार्ग दर्शक मंडल और वरिष्ठ नेताओं को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.'
जेटली पर बोला था हमला
दरअसल कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. आजाद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेटली का नाम लिए बगैर आरोप लगाया था कि डीडीसीए में फर्जी कंपनियों को करोड़ों का भुगतान किया गया. आजाद पिछले काफी समय से डीडीसीए में कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार को लेकर काफी मुखर रहे हैं.
शाह ने लिखा खत
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कीर्ति को खत लिखकर उनके निलंबन की जानकारी दी. शाह ने खत में लिखा कि पिछले कुछ महीनों से आपने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया है और पार्टी विरोधी गतिविधियां की हैं. आपने पार्टी को मुसीबत में डालने के लिए विरोधी दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से सांठ-गांठ की. सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह आपने पार्टी के विरोध में गतिविधियां की हैं.