क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को अंतरिम राहत देते हुए मुंबई सेशन कोर्ट ने चेक बाउंस से संबंधित मामले में उनके खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी है. रॉबिन उथप्पा बेंगलुरु के रहने वाले हैं और उन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा समन जारी करने को चुनौती देते हुए मुंबई सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
दरअसल, रॉबिन उथप्पा का मामला सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कपड़ा कंपनी से जुड़ा है. उथप्पा ने इस कंपनी में कुछ पैसा लगाया था और इसके नॉन-एक्टिव डायरेक्ट थे. हालांकि कुछ फाइनेंशियल विवादों के कारण रॉबिन उथप्पा ने बकाया भुगतान न करने को लेकर बेंगलुरु में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जो अभी भी चल रहा है.
इस बीच सेंटॉरस द्वारा मुंबई स्थित कंपनी सीनियर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड को जारी किया गया चेक बाउंस हो गया. इसलिए मार्केटिंग कंपनी ने सेंटॉरस और उसके निदेशकों के खिलाफ मुंबई में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया.
एडवोकेट सिद्धेश बोरकर ने कहा कि रॉबिन उथप्पा सिर्फ कपड़ों की कंपनी में अपने इन्वेस्ट के कारण निदेशक थे, जिसने उन्हें इन्वेस्ट के बदले में लाभ देने का वादा किया था. बोरकर ने कहा कि उथप्पा से इस कंपनी ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है, जिस समझौते के तहत उन्हें कंपनी में शामिल किया गया, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कंपनी के दैनिक मामलों और व्यवसाय के प्रबंधन में उनकी कोई भूमिका नहीं है.
बोरकर ने जोर देकर कहा कि चेक रॉबिन उथप्पा द्वारा जारी नहीं किया गया था और उन्होंने 2019 में कंपनी के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत शिकायत दर्ज की थी, जो चेक डिसऑनर की कार्यवाही दायर करने से पहले की बात है.
उथप्पा ने कंपनी के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी, इसलिए कंपनी ने उन्हें मुंबई की अदालत में कार्यवाही के बारे में सूचित भी नहीं किया और इस तरह उन्हें मुंबई में कार्यवाही के बारे में अब पता चला है, बोरकर ने जोर दिया कि रॉबिन उथप्पा कंपनी के दैनिक मामलों में शामिल नहीं थे. उन्होंने तर्क दिया कि ऐसी आशंका थी कि मजिस्ट्रेट अदालत अगले कुछ दिनों में सुनवाई शुरू कर सकती है, इसलिए उथप्पा की याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई की आवश्यकता थी.
इसी वजह से सेशन कोर्ट ने सिर्फ उथप्पा के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगाई, और सीनियर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया, जिस कंपनी ने चेक बाउंस की कार्यवाही शुरू की थी. सेशन कोर्ट 4 जनवरी, 2025 को इस याचिका पर सुनवाई करेगा.