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Cyrus Mistry Death: सड़क का खराब डिजाइन या किसी ने किया था ओवरटेक? साइरस मिस्त्री की मौत के अनसुलझे सवाल

साइरस मिस्त्री (उम्र 54 साल) का सड़क हादसे में निधन हो गया. वह अहमदाबाद से मुंबई आ रहे थे. उस दौरान उनकी कार पालघर में डिवाइडर से टकराई थी. इस हादसे में साइरस समेत दो लोगों की मौत हो गई. वहीं दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं. अब उस हाईवे के डिजाइन पर सवाल उठ रहे हैं.

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साइरस मिस्त्री का रविवार को सड़क हादसे में निधन हो गया
साइरस मिस्त्री का रविवार को सड़क हादसे में निधन हो गया

टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति साइरस मिस्त्री का रविवार को रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया. फिलहाल पुलिस इस हादसे की वजह तलाश रही है. इस हादसे के बाद मुंबई-अहमदाबाद हाईवे (Mumbai-Ahmedabad Highway) के निर्माण पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि हादसे वाली जगह सड़क संकरी हो रही थी, लेकिन उसका कोई साइनबोर्ड नहीं लगा था.

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बता दें कि मिस्त्री कार से अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे. मुंबई के पास उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई और ये हादसा हो गया. पुलिस को शुरुआती जांच में हादसे की वजह ओवरस्पीडिंग और रॉन्ग साइड से ओवरटेक को बताया है. लेकिन आसपास वाले लोग सड़क के डिजाइन पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

पुलिस फिलहाल हर एंगल से जांच कर रही है. जैसे ओवरस्पीडिंग, गलत साइड से ओवरटेकिंग आदि. लेकिन जिस जगह दुर्घटना हुई वहां के आसपास के लोग मानते हैं कि वहां रोड का डिजाइन बेहद खराब है, इस वजह से वह दुर्घटना संभावित क्षेत्र बन गया है.

तीन से दो लेन का हो जाता है हाईवे

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे वैसे तीन लेन का है. लेकिन जिस जगह एक्सीडेंट हुआ वहां वह दो लेन का हो जाता है. लेकिन यहां हाईवे के तीन से दो लेन के होने का कोई चेतावनी वाला साइनबोर्ड तक नहीं है.

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हादसे के बारे में बात करते हुए पुलिस अफसर ने कहा कि यह सच है कि पुल से पहले रोड तीन लेन का है. फिर पुल पर यह दो लेन का हो जाता है. इस कार ने डिवाइडर को हिट किया फिर वहीं रुक गई. पुल के नीचे एक नदी भी है. इस पुल पर अगर कोई गलत साइड से ओवरटेक करता है तो संकरे होते रास्ते पर यह हादसे की वजह बन सकता है.

हाईवे पर 52 किलोमीटर का रास्ता खतरनाक

पुलिस अफसर ने आगे यह भी बताया कि हाईवे पर महाराष्ट्र के पालघर जिले में मनोर और गुजरात में आचड के बीच का जो 52 किलोमीटर का रास्ता है उसपर कई ऐसे एक्सीडेंट प्वाइंट हैं. एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 18 महीने में इस स्ट्रेच पर करीब 100 हादसे हो चुके हैं. इनमें 106 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 49 लोग स्थायी रूप से अपाहिज हो गए.

अधिकारी बताते हैं कि 52 किलोमीटर का यह स्ट्रेच रात में और ज्यादा घातक हो जाता है क्योंकि इस हाइवे पर कम स्ट्रीटलाइट हैं, जिसकी वजह से वाहन सवार हाईबीम पर गाड़ी चलाते हैं. लेकिन ऐसे में दूसरी दिशा से आ रहे ड्राइवर को दिक्कत होती है और कई बार इसका परिणाम घातक रोड एक्सीडेंट भी होता है.

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पुलिसवाले बताते हैं कि कई वाहन सवार बैलेंस बिगड़ने पर फ्लाईओवर से नीचे नदी में गिर जाते हैं. ज्यादातर हादसे उसी जगह होते हैं जहां गुजरात से आ रहा तीन लेन का हाईवे फ्लाईओवर पर आकर दो लेन का हो जाता है.

आज कोकण रेंज के आईजी संजय मोहिते हादसे वाली जगह पर भी गए. उन्होंने बताया कि फिलहाल हर एंगल से जांच हो रही है. यह भी देखा जा रहा है कि क्या किसी दूसरे वाहन ने साइरस की कार को ओवरटेक किया था. क्योंकि हाईवे पुल के पास तीन लेन से दो लेन का हो जाता है.

एयरबैग कब खुले इसपर भी सवाल

हादसे में साइरस मिस्त्री की जान क्यों नहीं बच पाई इसको लेकर कार पर सवाल भी उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि मर्सिडीज कार के एयरबैग्स समय पर क्यों नहीं खुले थे. पुलिस ने कहा है कि इसपर मर्सिडीज कंपनी से बात करके जानकारी जुटाई जाएगी.

हाईवे पर रविवार को हुए हादसे में साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले का निधन हुआ था. उनका पोस्टमार्टम जेजे हॉस्पिटल में पूरा हो चुका है. डॉक्टर्स का कहना है कि मिस्त्री के शरीर पर कई जख्म हैं. इसके साथ-साथ उनके सिर और रीढ़ की हड्डी में भी चोट लगी थी.

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे की जानकारी एक जागरूक वाहन चालक ने दी थी जो वहां से गुजर रहे थे. इसकी वजह से ही एंबुलेंस वक्त पर पहुंच पाई और दो लोगों को बचाया जा सका. बता दें कि कार में हादसे के वक्त कुल चार लोग सवार थे.

इसमें अनाहिता पंडोले (Anahita Pandole) कार चला रही थीं. उनके बगल में उनके पति डेरियस पंडोले बैठे थे. वहीं साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले पीछे बैठे हुए थे. पीछे बैठे दोनों लोगों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. घटना में इन्हीं दोनों ने जान गंवाई. जहांगीर, अनाहिता पंडोले के पति डेरियस के भाई थे. घटना में अनाहिता और उनके पति डेरियस पंडोले (60) घायल हुए हैं, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

 

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