महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के जावखेड़े खालसा गांव में दलित परिवार के तीन सदस्यों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गयी और इनमें से एक का सिर काट कर शवों को एक सूखे कुएं में फेंक दिया गया. पुलिस उपाधीक्षक लक्ष्मी गौतम ने बताया कि यह नृशंस हत्याकांड यहां से 69 किलोमीटर दूर पथरेड़ी में 20 अक्टूबर की रात को हुआ तथा 49 वर्षीय संजय जाधव, उसकी पत्नी 46 वर्षीय जयश्री तथा उसके बेटे 22 वर्षीय सुनील के क्षत विक्षत शव अगली सुबह यानी 21 अक्टूबर को गांव के एक कुएं में मिले.
लेकिन जब सुनील का सिर और अन्य अंग गायब पाए गए तो स्थानीय लोगों तथा पीड़ितों के परिजनों ने शोर मचाया और सड़क पर अवरोधक लगा दिए एवं प्रदर्शन करते हुए शवों का अंतिम संस्कार रोक दिया. ये लोग अज्ञात हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई में कथित ढिलाई बरते जाने का आरोप लगा रहे थे जो संभवत: ऊंची जाति के हो सकते हैं.
प्रदर्शनकारियों ने इसके साथ ही गांव के दलित परिवारों को सुरक्षा उपलब्ध कराने तथा मामले को राज्य सीआईडी को सौंपे जाने की मांग की.
जिला कलेक्टर अनिल कवाडे ने बताया कि बीती शाम एक बोरवेल से जब सुनील के शव के बाकी अंग मिले तब कहीं जाकर पीड़ितों का अंतिम संस्कार किया गया. इस घटना से गांव में सनसनी फैल गयी है.
पिछले चार महीने में अहमदनगर में दलित हत्या की यह दूसरी घटना है. जुलाई में खारदा गांव में एक 20 वर्षीय दलित युवक को ऊंची जाति की लड़की के साथ कथित प्रेम संबंधों के कारण मौत के घाट उतार दिया गया था.
इनपुटः भाषा से