देश के 69वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शनिवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले में दलित महिला सरपंच को तिरंगा नहीं फहराने दिया गया.
घटना आरग गांव की है जहां महिला सरपंच विशाखा कांबले को तिरंगा फहराने से रोक दिया गया. उनकी जगह गांव के उप सरपंच अनिल काबू ने खुद ही झंडा फहराया. इस घटना से गांव के लोगों में काफी गुस्सा है.
गौरतलब है कि पिछले साल मध्य प्रदेश के मुरैना में एक दलित महिला सरपंच को झंडा फहराने का मौका मिला. लेकिन इसके लिए उन्हें चार साल तक संघर्ष करना पड़ा. आजादी के 68 साल बाद भी देश में महिलाओं और दलितों के प्रति भेदभाव खुलेआम जारी है.