महाराष्ट्र के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर दया नायक (Encounter Specialist Daya Nayak) का सोमवार को आंतकवाद निरोधक दस्ते से मुंबई पुलिस में ट्रांसफर कर दिया गया. महाराष्ट्र पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (स्थापना) ने नायक के अलावा सात अन्य इंस्पेक्टरों के भी ट्रांसफर आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि नायक के अलावा इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर वाघ और दौलत साल्वे को भी एटीएस से मुंबई पुलिस भेजा गया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एटीएस में रहते हुए नायक ने 2021 में ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या की जांच की. मनसुख की हत्या का केस मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से लदी कार मिलने से जुड़ा था. हालांकि बाद में इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई थी. एटीएस ने उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबूत जुटाए थे, जिन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया था.
1995 बैच के इंस्पेक्टर नायक ने मुंबई में अंडरवर्ल्ड की एक्टिविटी के चरम पर पहुंचने के दौरान ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के तौर पर पहचान हासिल की थी. उन्होंने अपने करियर में 80 से ज्यादा गैंगस्टरों को मार गिराने का दावा किया है.
2021 में भी ATS से हो गया था ट्रांसफर
दया नायक का मई 2021 में भी एटीएस से ट्रांसफर दिया गया था. उन्हें ATS से पुलिस विभाग में गोंडिया जिले भेज दिया गया था. तब हिरेन मर्डर केस की जांच में दया नायक की भूमिका थी. एटीएस ने आरोपी असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे समेत कई लोगों को खिलाफ सबूत इकट्ठा किए थे. दया नायक पर इन सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था.
आतंकवादियों ने हमले में जख्मी भी हुए
दया एक बार दादर में छिपे आतंकियों को पकड़ने के लिए गए थे, लेकिन घात लगाए बैठे आतंकियों ने उन पर गोलियों फिर बम से हमला कर दिया था. इस हमले में वह बुरी तरह जख्मी हो गए थे.
स्कूल खोलने पर विवादों में आए
दया ने अपने गांव येनेहोल में 2000 में एक स्कूल खोला था, जिसका उद्घाटन अमिताभ बच्चन ने किया था. कई बॉलीवुड हस्तियों ने इसे बनाने में मदद भी की थी. स्कूल खोलने के बाद दया पर आरोप लगे कि यह स्कूल दाऊद और छोटा राजन की मदद से खोला गया है. उन पर जांच बैठाई गई लेकिन वह निर्दोष पाए गए.
होटल में वेटर का भी काम किया
दया नायक का जन्म कर्नाटक में हुआ था. 1979 में वह मुंबई आए थे. आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वह एक होटल में वेटर का काम करते थे. होटल के मालिक ने दया को ग्रैजुएशन तक पढ़ाया.