मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ने वाला महत्वाकांक्षी और बहुचर्चित ट्रांस हार्बर प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है. प्रोजेक्ट को पर्यावरण मंत्रालय से भी क्लीयरेंस मिल गया है. लेकिन सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस की अनबन के चलते प्रोजेक्ट में देरी हो रही है.
दरअसल, ब्रिज बनाने के लिए मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के 24 हेक्टेयर और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के 2 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है. लेकिन अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' की खबर के अनुसार, शिपिंग मिनिस्ट्री से अप्रूवल पास होने में देरी हो रही है.
इस सिलसिले में 26 फरवरी को मुंबई के मालाबार में फडनवीस और गडकरी के बीच बैठक हुई. मीटिंग में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए), प्रोजेक्ट पर काम कर रही एजेंसी और शिपिंग मिनिस्ट्री के अधिकारी भी मौजूद थे. लेकिन बैठक बेनतीजा रही.
एक अधिकारी ने कहा, 'प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार को पोर्ट के 26 में से केवल 13 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा चाहिए. बाकी की जमीन प्रोजेक्ट पूरा होते ही मंत्रालय को लौटा दी जाएगी. लेकिन दो दिग्गज नेताओं की आपसी खटपट के चलते यह अधर में है.'
हालांकि फड़नवीस ने आपसी रिश्तों का प्रोजेक्ट पर असर पड़ने की बातों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, 'मीटिंग में गडकरी जी ने अंडरग्राउंड टनल बनाने पर विचार करने का सुझाव दिया है. इसके लिए उन्होंने केंद्रीय मदद की भी बात कही है.' फड़नवीस ने कहा कि वो गडकरी के सुझाय विकल्प पर विचार करने को तैयार हैं.
लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो अंडरग्राउंड टनल के चलते प्रोजेक्ट में और देरी होगी.