महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार सुबह वो हुआ, जिसकी शायद किसी ने कल्पना की हो. इसे अगर सबसे बड़ा उलटफेर कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं एनसीपी नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने. राज्य में अब तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना ही सरकार बनाने की कवायद में जुटे थे. उनके बीच कई दौर की बैठकें भी हुईं, जिसमें सरकार का ब्लूप्रिंट तैयार करने पर बातचीत हुई.
इससे पहले शुक्रवार को एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की दो घंटे तक बैठक हुई, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी. इस बैठक के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा था कि शीर्ष पद के लिए ठाकरे के नाम पर सहमति बनी है. लेकिन शनिवार सुबह सियासी उलटफेर के बीच बीजेपी ने राज्य में एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और शिवसेना और कांग्रेस देखते रह गए.
#WATCH Mumbai: Devendra Fadnavis takes oath as Maharashtra Chief Minister again, oath administered by Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/kjWAlyMTci
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शनिवार को देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद फडणवीस ने कहा, 'लोगों ने हमें स्पष्ट बहुमत दिया था. लेकिन शिवसेना ने नतीजे आने के बाद दूसरी पार्टियों का दामन थाम लिया. इस कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. महाराष्ट्र को स्थिर सरकार की जरूरत है, खिचड़ी सरकार की नहीं.' वहीं अजित पवार ने कहा कि नतीजे के दिन से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पाई. महाराष्ट्र कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है, जिसमें किसानों से जुड़े मुद्दे भी हैं. लिहाजा हमने स्थिर सरकार बनाने पर विचार किया.#WATCH Mumbai: NCP's Ajit Pawar takes oath as Deputy CM, oath administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/TThGy9Guyr
— ANI (@ANI) November 23, 2019