महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज मंगलवार को बिलकिस बानो केस से जुड़े दोषियों पर बयान दिया. वह बोले कि दोषियों को अगर सम्मानित किया गया है तो यह ठीक नहीं है और ऐसे कृत्यों का कोई स्पष्टिकरण नहीं हो सकता.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2022 में हुए बिलकिस बानो रेप केस के 11 दोषियों को बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद गुजरात सरकार ने माफी नीति के आधार पर रिहा किया था. लेकिन क्राइम से जुड़े लोगों को सम्मानित करना ठीक नहीं है.
डिप्टी सीएम ने यह बात विधान परिषद में हुई चर्चा के दौरान कही. वहां भंडारा जिले में तीन लोगों द्वारा 35 साल की एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न की घटना पर चर्चा हो रही थी. फडणवीस ने कहा कि सदन में बिलकिस बानो के मुद्दे को नहीं उठाया जाना चाहिए.
फडणवीस ने कहा, 'आरोपियों को करीब 20 साल बाद, जेल में 14 साल बिताने के बाद रिहा किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद रिहाई हुई. लेकिन अगर किसी आरोपी को सम्मानित किया जाता है और उसका स्वागत किया जाता है तो यह गलत है. आरोपी तो आरोपी होता है और इस कृत्य को जायज नहीं ठहराया जा सकता.’
बिलकिस बानो गैंगरेप और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा किया गया था. गुजरात की बीजेपी सरकार ने माफी नीति के तहत उनको सजा पूरी होने से पहले रिहा किया था. गोधरा जेल से रिहाई के बाद दोषियों का पुष्पमालाएं पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया था.
रिहाई का हो रहा विरोध, सजा सुनाने वाले जज ने भी की निंदा
गैंगरेप के दोषियों की रिहाई का काफी विरोध हो रहा है. आज रिटायर्ड जस्टिस यूडी साल्वी और अभय थिप्सी भी बिलकिस बानो के समर्थन में हुए एक कार्यक्रम में शामिल हुए. बता दें कि जस्टिस अभय थिप्सी कुछ साल पहले ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वहीं जस्टिस यूडी साल्वी ने ही बिलकिस बानो केस में 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.