पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने महाराष्ट्र को ध्यान में रखकर समुद्र में कमल खिलने की भविष्यवाणी की थी. 2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और जाहिर तौर पर वाजपेयी की वाणी सच साबित होने वाली है. लेकिन वानखेड़े स्टेडियम में शुक्रवार शाम जब देवेन्द्र फड़नवीस सीएम पद की शपथ ले रहे होंगे तो बहुत संभव है कि शिवसेना का ग्रहण फगवा कमल के रंग को कुछ बदरंग कर जाएगा. शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने को लेकर शिवसेना ने स्पष्ट कह दिया है कि जहां सम्मान नहीं वहां क्यों जाएं.
यानी 25 वर्षों के गठबंधन में टूट की टीस पर सीएम निर्माण के समीकरण ने भी मरहम का काम नहीं किया. शिवसेना ने बुधवार को कहा कि एक संभावित गठबंधन के लिए बातचीत होने के दावों के बावजूद 'लगातार अपमानित करने' के कारण वह समारोह का बहिष्कार करेगी. सरकार में शामिल होने को लेकर अब तक अनिश्चिय की स्थिति में रहने वाली शिवसेना ने कहा, 'हमें बीजेपी की ओर से लगातार अपमानित किया जा रहा है, जो हमारे विधायकों को सही नहीं लग रहा है.' शिवसेना सांसद विनायक राउत ने पार्टी अध्यक्ष उद्धव से मुलाकात करने के बाद कहा कि विधायकों को लगता है कि जब बीजेपी ने हमें उचित सम्मान नहीं दिया तो हमें शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाना चाहिए. शिवसेना की ओर यह रुख बीजेपी की ओर से यह कहे जाने के कुछ घंटे बाद आया कि शिवसेना की ओर से शुक्रवार को किसी भी मंत्री को शामिल किए जाने की संभावना नहीं है.
बीजेपी के बोल- बातचीत का दौर जारी
बीजेपी महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने कहा, 'इसकी संभावना नहीं लगती कि शुक्रवार को शिवसेना के किसी मंत्री को शपथ दिलाई जाएगी. महाराष्ट्र में एक संभावित गठबंधन के लिए शिवसेना के साथ वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में जारी है, लेकिन इस संबंध में अभी कोई परिणाम नहीं निकला है.' रूडी ने कहा कि बीजेपी उम्मीद करती है कि इस संबंध में निर्णय जल्द हो जाएगा. यह पूछे जाने पर कि संभावित गठबंधन पर चर्चा करने के लिए क्या बीजेपी और शिवसेना नेताओं के बीच होने वाली बैठक रद्द कर दी गई है, राउत ने कहा कि कोई बातचीत तय नहीं की गई थी इसलिए उसके रद्द होने का सवाल ही नहीं उठता.
इससे पहले गुरुवार को शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने फड़नवीस और उनकी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दोनों पार्टियों के बीच 'सकारात्मक बातचीत' जारी है. नागपुर से विधायक चुने गए 44 वर्षीय फड़नवीस को शुक्रवार को राज्यपाल सी विद्यासागर राव वानखेड़े स्टेडियम में शपथ दिलाएंगे. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के कई अन्य सहयोगी, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उद्योगपति और बॉलीवुड के साथ ही अन्य क्षेत्रों की हस्तियां मौजूद रहेंगी.
12 मंत्री भी लेंगे शपथ
शुक्रवार को सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में 12 मंत्रियों के एक छोटे से मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण करने की उम्मीद है. इनमें प्रदेश बीजेपी कोर कमेटी के सदस्य एकनाथ खड़से, सुधीर मुगंतीवार, विनोद तावड़े, पंकजा मुंडे के अलावा विष्णु स्वारा और सुधाकर भालेराव शामिल हो सकते हैं. इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आने वाले विधायकों के भी शपथ लेने की उम्मीद है. बीजेपी के एक नेता ने कहा कि एक छोटी सरकार शुक्रवार को शपथ ग्रहण करेगी.
गौरतलबह है कि बीजेपी 288 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी. लेकिन उसके एक विधायक गोविंद राठौड़ का निधन हो गया. शिवसेना जब तक सरकार में शामिल नहीं हो जाती, यह तकनीकी तौर पर एक अल्पमत की सरकार होगी, लेकिन 41 विधायकों वाले एनसीपी की ओर से घोषित समर्थन बीजेपी सरकार के लिए बचाव का काम करेगा. बीजेपी सरकार को इसके अलावा कई निर्दलीय विधायकों और कुछ छोटे दलों का भी समर्थन हासिल है. इससे पहले संजय राउत ने कहा था, 'बीजेपी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं. हमने चुनाव अलग-अलग लड़ा. ऐसा राजनीति में होता है, लेकिन कड़वाहट मिटाने के लिए प्रयास किए गए हैं. यदि बीजेपी सरकार बना रही है तो उन्हें शुभकामना देना हमारा कर्तव्य है.'
कौन-कौन शामिल होंगे शपथ ग्रहण समारोह में
शपथग्रहण समारोह के लिए उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और कई अन्य नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है. इस कार्यक्रम में उद्योगपति रतन टाटा, मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, आनंद महिंद्रा, आदि गोदरेज, सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर, आशा भोसले, अभिनेता अमिताभ बच्चन, सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान, रितिक रोशन, भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर को भी आमंत्रित किया गया है.
दूसरी ओर, फड़नवीस गुरुवार को दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. फड़नवीस ने सभी को शपथ ग्रहण में आने के लिए निजी तौर पर निमंत्रण दिया. यह पहली बार है जब इस तरह का कोई कार्यक्रम प्रसिद्ध क्रिकेट मैदान में आयोजित हो रहा है. इससे पहले 1995 में जब बीजपी-शिवसेना गठबंधन में सत्ता में आई थी तब शपथ ग्रहण समारोह शिवाजी पार्क में आयोजित किया गया था.