राज्य में लगातार हो रही बारिश से अधिकतर किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. महाराष्ट्र में 70 % उपजाऊ खरीफ फसल खराब होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. बर्बाद हुई फसल का जायजा लेने अब सभी दलों के बड़े नेता राज्य का दौरा करने निकले हैं.
रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे कन्नड़ तहसील के कानड़ गांव और वैजापुर तहसील के गारज गांव पहुंचे थे. उद्धव ठाकरे मराठवाड़ा के औरंगाबाद जिले में किसानों को हुए फसल के नुक्सान को देखने और किसानों की पीड़ा समझने के लिए पहुंचे थे.
उद्धव ठाकरे पर कसा तंज
उद्धव ठाकरे ने किसानों से उनके खेतों में मुलाकात की. पत्रकारों से बातचीत के दौरान उद्धव ने कहा, 'मॉनसून के बारिश की वजह से ही फसल बर्बाद हुई है.' साथ ही आगे उद्धव ने बगैर मुख्यमंत्री फडणवीस का नाम लिए फडणवीस पर तंज कसा. उद्धव ने फडणवीस के उस बयान को याद दिलाया, जहां फडणवीस चुनाव प्रचार दौरान बार-बार कहते सुनाई दिए थे कि मैं फिर से लौट कर आऊंगा, मैं फिर से लौट कर आऊंगा, मैं फिर से लौट कर आऊंगा.'
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, 'ये जो लौटने वाला मानसून है, जिसे रिटर्निंग मानसून कहते हैं, वो बार-बार कह रहा है कि मैं लौट कर आऊंगा, इसलिए मानसून को लेकर लोगों के मन में डर बैठ गया है.'
सरकार की 10000 करोड़ की मदद बहुत कम
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'राज्य सरकार ने किसानों को हुए नुक्सान के लिए दस हजार करोड़ बतौर मुआवझा घोषित किया वो बहुत कम है. वहीं शिवसेना की मांग है कि शिवसेना की मांग है कि किसानों को तुरंत प्रति हेक्टर 25000 रुपये तुरंत दिया जाना चाहिए. ये रकम हर किसान का हक है जो शिवसेना उसे दिलवाकर रहेगी.
संभाजीनगर जिल्ह्यातील गारज भागातील ओल्या दुष्काळाची पाहणी केली.अतिवृष्टीमुळे राज्यात नैसर्गिक आपत्ती ओढवली आहे, यामुळे शेतकरी, शेतमजुरांना तातडीची मदत करून त्यांना धीर आणि विश्वास देण्यासाठी या दौऱ्याचे आयोजन करण्यात आले आहे ! pic.twitter.com/ZMYlh1uQSh
— Uddhav Thackeray (@uddhavthackeray) November 3, 2019
आगे उन्होंने कहा, 'सरकार द्वारा दी गई 10000 करोड़ की मदद बहुत कम है उसमें किसानों की कुछ भी मदद नहीं होंगी. केंद्र सरकार ने इस मानसून बारिश के नुकसान से उबरने के लिए किसानों को मदद देनी जरुरी है.'
आरसीईपी करार पर बोले शिवसेना प्रमुख
आरसीईपी करार पर भारत साइन करने जा रहा है. इस मुद्दे पर चेतावनी देते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि इस करार से जुड़े हर एक शर्तों के बारे में लोगों को पता होनी चाहिए, कहीं ऐसा न हो के इस आरसीईपी करार पर हस्ताक्षर करने के बाद देश गड्ढे में चला जाए और बाहर निकलना नामुमकिन हो जाए.
जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया की किसानों को मदद जल्द से जल्द मिले इसके लिए सरकार का गठन होना जरुरी नहीं है क्या, इस पर उद्धव बोले लोग सरकार बने ये अपेक्षा नहीं कर रहे है, किसानों को पहले मदद मिलनी चाहिए ये लोगों को लग रहा है.