लॉकडाउन के बीच डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन सहित 23 लोगों को महाबलेश्वर जाने की अनुमति देने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव (गृह) अमिताभ गुप्ता के खिलाफ राज्य सरकार ने जांच बैठा दी है और उन्हें अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया है.
महाराष्ट्र सरकार के एक सूत्र के हवाले से पता चला है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक की सिंगल मेंबर कमेटी ने इस बात की भी जांच की सिफारिश की है कि क्या यात्रा अनुमति देने में कोई लापरवाही की मंशा थी.
समिति ने पाया है कि गुप्ता के पास ऐसा कोई भी पत्र जारी करने का अधिकार नहीं था. वहीं, अपने बचाव में अभिताभ गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन के तत्काल बाद में वहां फंसे लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. उनमें से कुछ सीधे गृह विभाग से संपर्क कर रहे थे, इसलिए मैंने हस्तक्षेप किया. यह सुविधा का एक खुला पत्र था, मैंने उनकी कोई मदद नहीं की.
समिति के मुताबिक, गुप्ता और वधावन के बीच संबंधों की पृष्ठभूमि की फोरेंसिक और अन्य एजेंसियों के माध्यम से जांच की जरूरत है. हालांकि रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई महाराष्ट्र सरकार द्वारा की जानी है. कार्रवाई का सुझाव देना संदर्भ की शर्तों का हिस्सा नहीं था.
सीबीआई ने कस्टडी में लिया
बता दें कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वधावन को सीबीआई ने अपनी कस्टडी में ले लिया है. इन दोनों की गिरफ्तारी की कागजी कार्यवाही शुरू हो गई है. इन दोनों को मुंबई लाया जाएगा. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, वधावन बंधुओं के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
DHFL मामला: वधावन बंधुओं की मुश्किलें बढ़ीं, CBI ने दोनों को कस्टडी में लिया
दरअसल, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और गैर-कार्यकारी निदेशक धीरज वधावन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच चल रही है, जिसमें कपिल वधावन को ईडी ने गिरफ्तार भी किया था. लेकिन फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. वहीं येस बैंक फर्जीवाड़े मामले में राणा कपूर के खिलाफ जांच चल रही है, इसमें भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दायरे में वधावन बंधु ईडी और सीबीआई के रडार पर हैं.