महाराष्ट्र में अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद वहां की राजनीति में जमकर उथलपुथल चालू है. जहां एक तरफ अनिल देशमुख मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार SC के पास जाएगी. वहीं अनिल देशमुख भी कोर्ट में अपील दायर करेंगे. अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद से दिलीप पाटिल का नाम गृह मंत्री के लिए सामने आया है. ऐसे में दिलीप पाटिल के पास मौजूदा विभागों को एनसीपी के नेताओं में बांटा जाएगा.
ऐसे में एक्ससाइज विभाग अजित पवार को दिया जाएगा वहीं श्रम विभाग हसन मुशरीफ को दिया जाएगा. गौरतलब है कि होम मिनिस्टर पद के लिए दिलीप पाटिल का नाम काफी समय से चर्चा में था. वर्तमान सरकार में आबकारी एवं श्रम विभाग के मंत्री का पद संभाल रहे दिलीप साल 1990 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से अम्बेगांव से बतौर विधायक चुने गए. जिसके बाद 1999 में उन्होंने एनसीपी का दामन थाम लिया. इसी साल उन्हें विलासराव देशमुख की कैबिनेट में मंत्रीपद भी हासिल हुआ. वहीं साल 2009 में उन्हें महाराष्ट्र असेम्बली का स्पीकर भी चुना गया.
15 दिन के अंदर लिख सकती है FIR
वहीं बताया जा रहा है कि अनिल देशमुख का इस्तीफा ऐसे वक्त हुआ है, जब महाराष्ट्र सरकार के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था. हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच शुरू हो जाएगी और 15 दिन के अंदर एफआईआर लिखी जा सकती है. ऐसे में अगर बतौर गृह मंत्री अनिल देशमुख का नाम एफआईआर में आता तो सरकार की और फजीहत होती.
आपको बता दें कि '100 करोड़ वसूली' के मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट का रुख किया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार सुबह ही निर्देश दिया था कि इन आरोपों की जांच सीबीआई करे. सीबीआई को अगले पंद्रह दिनों में एक शुरुआती रिपोर्ट देनी होगी, इसी के बाद ये तय होगा कि अनिल देशमुख पर FIR दर्ज होगी या नहीं.