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शुरू हुई NCP पर कब्जे की कानूनी जंग, अजित पवार समेत 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका की गई दायर

1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी को उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा जब उनके भतीजे अजित पवार अलग हो गए और डिप्टी सीएम के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए. सरकार में छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल जैसे शरद पवार के खास नेताओं सहित आठ एनसीपी विधायकों को मंत्री बनाया गया है.

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अजित पवार के खिलाफ एनसीपी का एक्शन
अजित पवार के खिलाफ एनसीपी का एक्शन

लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत में हड़कंप मच गया है. अजित पवार ने रविवार को 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार का दामन थाम लिया. उन्होंने 8 विधायकों संग मंत्रीपद की शपथ ली और महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम बन गए हैं. उनके इस कदम से एनसीपी और शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. अब एनसीपी ने अजित पवार और उन 8 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है, जिन्होंने शिंदे सरकार में शपथ ली है.

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महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार देर रात प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और आठ अन्य लोगों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है. अयोग्यता याचिका स्पीकर राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है.
भारत के चुनाव आयोग को एक ई-मेल भी भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि एनसीपी का रैंक और फ़ाइल पार्टी प्रमुख शरद पवार के पास है. 

बता दें कि 1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी को उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा जब उनके भतीजे अजित पवार अलग हो गए और डिप्टी सीएम के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए. सरकार में छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल जैसे शरद पवार के खास नेताओं सहित आठ एनसीपी विधायकों को मंत्री बनाया गया है.

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प्रेस कांफ्रेंस में पाटिल ने कहा कि एनसीपी के इन विधायकों को अभी गद्दार नहीं कहा जा सकता क्योंकि उनका विश्वासघात अभी तक साबित नहीं हुआ है. कई लोग हमारे संपर्क में हैं. लेकिन इनके द्वारा ली गई शपथ पार्टी लाइन के खिलाफ है. हमने विधानसभा स्पीकर से जल्द से जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया है. 9 विधायक एक पार्टी नहीं हो सकते. हमें उम्मीद है कि विधानसभा स्पीकर हमें जल्द मिलने का समय देंगे.

अजित अब भी मेरे भाई हैं: सुप्रिया सुले    

सुप्रिया सुले ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अजित पवार अब भी मेरे भाई हैं और उनके लिए दिल में हमेशा प्यार रहेगा. अगर कोई सीखना चाहता है कि संकट को अवसर में कैसे बदला जाता है, तो हमें शरद पवार को देखना चाहिए. समय तय करेगा कि हमें आगे बड़ा संघर्ष करना होगा या नहीं. एनसीपी हमारा परिवार है. मैं इसमें दो दशकों से अधिक समय से काम कर रही हूं. शरद पवार सभी को अपने बच्चे की तरह मानते हैं. आज जो संकट हुआ, उसके कुछ कारण हो सकते हैं. हम इसका विश्लेषण करेंगे. उन्होंने कहा कि बच्चा अभी पैदा हुआ है, थोड़ा समय तो दो.

पहले से थी तैयारी: प्रफुल्ल पटेल

एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जो हुआ उसको लेकर पहले से बात चल रही थी और इसे लेकर प्लानिंग थी. उन्होंने ये साफ करने की कोशिश की रविवार को लिया गया फैसला सिर्फ सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि ये स्थिरता की बात थी और इससे कहीं अधिक ये फैसला महाराष्ट्र और राज्य के विकास के हित में लिया गया है. आजतक से खात बातचीत करते हुए एनसीपी वर्किंग प्रेसिडेंट ने अजित पवार के बगावती फैसले को लेकर अपनी राय पेश की और कहा कि शिवसेना और बीजेपी में कोई फर्क नहीं है. इसमें कोई दोराय नहीं कि कुछ समय से एनसीपी में ये चर्चा जारी थी कि एनडीए में जाना चाहिए. इसलिए नहीं कि ये सत्ता की बात थी. शिवसेना और एनसीपी के साथ सरकार बनाना हमारा कोई नेचुरल अलायंस नहीं था. शिवसेना बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. राजनीति में कम ज्यादा बातें नहीं होती. उस वक्त ऐसा हुआ. मेरे हिसाब से वो प्राकृतिक गठबंधन नहीं था.

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