राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में हुई टूट पर कांग्रेस का बड़ा बयान सामने आया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शरद पवार ने बेटी को आगे बढ़ाने के चक्कर में और लोगों को दूर कर लिया. एनसीपी में हुई टूट पर यह कांग्रेस का पहला बड़ा बयान है. इससे पहले पार्टी लगातार पवार के पक्ष में खड़े होकर अजित पवार और बीजेपी को एनसीपी विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहरा रही थी.
अशोक चव्हाण बोले- राज्य की राजनीति पर पड़ेगा असर
चव्हाण ने कहा, 'इतने साल से जो कड़वाहट चल रही थी, हो सकता है कि पवार साहब के दल के संचालन में कुछ गलतियां रही हों. शायद उन्होंने अपनी बेटी को बढ़ाने के लिए इन लोगों को थोड़ा दूर कर दिया था. मैं उनके पारिवारिक विवाद में नहीं जाना चाहूंगा. लेकिन पारिवारिक विवाद होने के बावजूद इसका राज्य की राजनीति पर असर पड़ेगा. तो इसलिए मैंने कल कहा था कि विभाजन वास्तविक है और कड़वाहट है.'
चव्हाण पर भड़कीं फौजिया
पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर NCP नेता फौजिया खान ने निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह का बयान CBI-ED के दबाव की वजह से आ रहा है. फौजिया खान ने कहा, 'जिस तरह से लोगों पर ED-CBI का दबाव है, इसलिए ऐसे बयान आ रहे हैं. हम यहां शरद पवार का समर्थन करने के लिए आए हैं.'
अशोक चव्हाण पर पटोले ने दी सफाई
इस बीच शिवसेना और एनसीपी में हुई टूट के बाद महाराष्ट्र में इस बात की भी चर्चा हो रही है कि कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण भी कुछ विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया है. नाना पटोले ने कहा, 'महाराष्ट्र के सियासी हालात के बीच आज कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक हुई. हम, शरद पवार एमवीए के साथ मिलकर लड़ने जा रहे हैं. महाराष्ट्र में संविधान पर छुरा घोंपा जा रहा है. कांग्रेस का कोई भी व्यक्ति कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ेगा.'
अजित पवार की बगावत के बाद हुई एनसीपी में टूट
दरअसल, अजित पवार ने 2 जुलाई को चाचा शरद पवार से बगावत कर दी थी और महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी के 8 विधायकों ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद से एनसीपी शरद पवार और अजित पवार गुट में बंट गई. दोनों गुटों ने बुधवार को बुलाई बैठक में शक्ति प्रदर्शन भी किया था.
पवार के पाले में ज्यादा विधायक
इतना ही नहीं अजित पवार गुट ने दावा कर दिया कि चाचा शरद नहीं बल्कि अजित ही अब NCP के अध्यक्ष हैं. बुधवार को एनसीपी के दोनों गुटों की बैठक हुई. अजित पवार की बैठक में 31 विधायक और 4 एमएलसी पहुंचे. वहीं, वाई.बी. चव्हाण सेंटर में हुई शरद पवार गुट की मीटिंग में 13 विधायक और चार सांसद पहुंचे. एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं. ऐसे में 9 विधायक अब तक किसी गुट में शामिल नहीं हुए हैं. इस तरह नंबर गेम में अजित अपने चाचा शरद पर भारी दिख रहे हैं. हालांकि, दल बदल कानून से बचने के लिए उनको 35 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. अजित का दावा है कि उनके समर्थन में 40 विधायक हैं लेकिन सब मीटिंग में नहीं आ पाए थे. इस संख्या बल को लेकर दोनों गुटों की ओर से अलग अलग दावे किए जा रहे हैं, हालांकि इसे लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है.
नंबर गेम में चाचा से आगे निकलकर अजित पवार संदेश देने में सफल रहे कि एनसीपी उनकी मुट्ठी में है. यानी जैसे 2019 में हुआ था, वैसा 2023 में नहीं होगा. बता दें कि 2019 में डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बावजूद कुछ ही घंटों में अजित को इस्तीफा देकर देवेंद्र फडणवीस से गठबंधन तोड़ना पड़ा था.