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कर्नाटक की सरकार बचाने सड़क पर साथ उतरे मुंबई कांग्रेस के नॉर्थ पोल-साउथ पोल

मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा और संजय निरूपम यहां डीके शिवकुमार का समर्थन करने पहुंचे. खास बात ये है कि दोनों नेताओं में बीते कुछ दिनों से ट्विटर पर ट्वीट वॉर चल रही है.

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डीके शिवकुमार से मिलने पहुंचे मिलिंद देवड़ा
डीके शिवकुमार से मिलने पहुंचे मिलिंद देवड़ा

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कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस सरकार के ऊपर जो संकट के बादल मंडरा रहे हैं, उसका असर मुंबई तक दिख रहा है. मुंबई के होटल में इस्तीफा दे चुके 14 विधायक रुके हैं और उन्हें मनाने के लिए कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार पहुंचे हैं. इस बीच होटल के बाहर से एक ऐसी तस्वीर आई जिसपर हर किसी का ध्यान गया. मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा और संजय निरूपम यहां डीके शिवकुमार का समर्थन करने पहुंचे. खास बात ये है कि दोनों नेताओं में बीते कुछ दिनों से ट्विटर पर ट्वीट वॉर चल रही है.

डीके शिवकुमार मुंबई के होटल के बाहर बैठ गए थे और विधायकों से मिलने की जबरदस्ती कर रहे थे. इस बीच वहां पर कांग्रेस के समर्थक जुटना शुरू हो गए. तभी मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर ऐलान किया कि उन्होंने शिवकुमार से बात की है, मुंबई कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके साथ हैं.

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मिलिंद के ट्वीट के कुछ देर बाद ही संजय निरूपम उस जगह पहुंचे जहां पर डीके शिवकुमार मौजूद थे. वहां उन्होंने शिवकुमार के साथ बैठकर धरना भी दिया. इसी बीच मिलिंद देवड़ा भी वहां पर पहुंचे. धरने के दौरान डीके शिवकुमार, मिलिंद देवड़ा को हिरासत में भी ले लिया गया था.

 

मिलिंद देवड़ा ने इसको लेकर ट्वीट किया, ‘मैं होटल के बाहर @DKShivakumar जी के साथ हूं. मेरा कर्नाटक के विधायकों से अनुरोध है कि वह बैंगलोर लौटकर संवैधानिक तरीके से मामले को सुलझाएं. यहां पर धारा 144 भी लगा दी गई है. बीजेपी, महाराष्ट्र में अपनी ताकत का दुरुपयोग कर ओछी राजनीति कर रही है. यह उनकी सुनियोजित साजिश है.’

वहीं संजय निरूपम की तरफ से भी ट्वीट किया गया कि जिस तरह मुंबई पुलिस ने डीके शिवकुमार को होटल में जाने से रोका है, उसका वह विरोध करते हैं.

आपको बता दें कि संजय निरूपम और मिलिंद देवड़ा को दो धुरी का नेता माना जाता है. कुछ दिन पहले जब मिलिंद देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था तब संजय निरूपम ने ट्वीट कर उनपर निशाना साधा था. संजय निरूपम ने लिखा था कि इस्तीफा में त्याग की भावना अंतर्निहित होती है. यहां तो दूसरे क्षण 'नेशनल' लेवल का पद मांगा जा रहा है. यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी? पार्टी को ऐसे 'कर्मठ' लोगों से सावधान रहना चाहिए.

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