एल्गार परिषद केस में 19 आरोपियों के खिलाफ पुणे पुलिस की ओर से बुधवार को विशेष UAPA कोर्ट में ड्राफ्ट आरोप दाखिल किए गए. इनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साज़िश रचने, महाराष्ट्र समेत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का केस दर्ज किया है.
गिरफ्तार आरोपियों में 9 एक्टिविस्ट
गिरफ्तार आरोपियों में 9 एक्टिविस्ट शामिल हैं जिनमें वकील, शिक्षाविद और लेखक भी हैं. इनके अलावा 10 भूमिगत और जमीन पर सक्रिय प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी के सदस्यों के नाम भी आरोपियों में शामिल हैं. एल्गार परिषद केस को भीमा कोरेगांव अर्बन नक्सल केस के नाम से भी जाना जाता है.
पुणे पुलिस ने इनके खिलाफ 16 आरोप लगाए हैं. आठ आरोपियों पर आतंक विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां (प्रतिबंध) कानून के तहत आरोप हैं.
आरोपों के मुताबिक माओवादियों ने एम4 राइफलों के साथ 40,000 राउंड गोलाबारूद हासिल करने की साजिश रची थी. इसके जरिए उनका मंसूबा पहले सुरक्षाबलों पर हमले करना और फिर लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित सरकार का तख्ता पलटने का था.
देश के अन्य हिस्सों में गड़बड़ी फैलाना था मकसद
आरोपों के ड्राफ्ट में माओवादियों की ओर से रूसी ग्रेनेड लॉन्चर, जर्मन ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर, विस्फोटक हासिल करने की साजिश का भी जिक्र है. हथियार और गोलाबारूद एक संपर्क के जरिए नेपाल और मणिपुर के रास्ते देश में लाए जाने थे. इसके लिए आरोपियों का इरादा 8 करोड़ का फंड इकट्ठा करने का था.
बता दें कि एल्गार परिषद की रैली 31 दिसंबर 2017 को पुणे के शनिवार वाडा में आयोजित की गई थी. इस मौके पर कबीर कला मंच के बैनर तले नाटक, गीतों के आयोजन के साथ नक्सल साहित्य बांटा गया जो सीपीआई माओवादी से मिला था पुलिस के मुताबिक इस आयोजन का मकसद महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में गड़बड़ी फैलाना था. ड्राफ्ट में ये भी कहा गया है कि छह और जगहों पर भी कबीर कला मंच की ओर से नाटकों के मंचन के जरिए ऐसे आयोजन किए गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची
आरोपों के ड्राफ्ट में बताया गया है कि कैसे आरोपियों ने रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची थी. इसके लिए आरोपी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जिस तरह हत्या की गई थी, वैसा ही तरीका अपनाना चाहते थे.
पुणे पुलिस ने 2018 में रोना विल्सन, शोमा सेन, सुधीर धावले, सुरेंद्र गेडलिंग, महेश राउत, पी वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, वरनोन गोंसालविस और अरुण फेरेरा को गिरफ्तार किया. अभी तक केस में दो चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं. चार्जशीट और ड्राफ्ट में जिन भूमिगत माओवादियों को नामजद किया गया है.
इनमें मिलिंद तेलतुंबडे, प्रकाश उर्फ़ नवीन, किशन उर्फ़ प्रशांतो बोस, मंगलू और दीपू शामिल हैं. केस में आरोपी के तौर पर गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे के नाम भी हैं इन दोनों की गिरफ्तारी पर कोर्ट के आदेश पर रोक लगी हुई है. केस में अगली सुनवाई 1 जनवरी को होगी. उसी दिन इन पर आरोप तय किए जा सकते हैं और उसके बाद ट्रायल शुरू हो सकता है.