ड्रग तस्कर अली असगर शिराजी से जुड़े खातों की जांच करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भारी मात्रा में जमा राशि मिली है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने ड्रग तस्करी से कमाई की थी. केंद्रीय एजेंसी ड्रग्स तस्करी के सरगना अली असगर शिराजी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. ईडी ने खुलासा किया है कि शिराजी और उससे जुड़े अन्य लोगों के बैंक खातों में भारी नकदी जमा हुई थी, जो ड्रग्स की बिक्री के माध्यम से जुड़ी हुई मालूम पड़ती है.
ईडी के अधिकारियों ने ड्रग तस्कर अली असगर शिराजी और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर 16, 17, 19 और 27 अक्टूबर को मुंबई की अलग-अलग जगहों पर PMLA, 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया था. तलाशी के दौरान ईडी को 5.50 लाख रुपये नकद और 57.11 लाख रुपये का सोना, मोबाइल फोन और लैपटॉप समेत अलग-अलग डिजिटिल उपकरण और आपत्तिजनक रिकॉर्ड बरामद और जब्त किए हैं.
कैलाश राजपूत का करीबी है शिराजी
शिराजी ड्रग माफिया कैलाश राजपूत का करीबी सहयोगी है, जो भारत में मोस्ट वांटेड ड्रग तस्करों में से एक है. उसे देश के कई मामलों में आरोपी है. कहा जाता है कि राजपूत ग्लोबल टेरर फाइनेंसर दाऊद इब्राहिम के साथ मिलकर काम कर रहा है और एक देश से दूसरे देश में अपना ठिकाना बदलता रहता है. भारत के अलावा कैलाश राजपूत यूरोप के कई देशों में वांटेड है.
दुबई भागते समय हुई थी गिरफ्तारी
शिराजी को इसी साल मई में दुबई भागने की कोशिश करते समय मुंबई एयरपोर्ट से मुंबई पुलिस की जबरन वसूली विरोधी सेल ने गिरफ्तार किया था. शिराजी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस साल मार्च में उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. दरअसल जब मुंबई पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था और पूछताछ के दौरान उसका नाम सामने आया था.
15 किलो से ज्यादा केटामाइन हुआ था बरामद
अली असगर शिराजी और अन्य के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम 15 किलो से ज्यादा केटामाइन को जब्ती के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसकी कीमत आठ करोड़ से अधिक बताई गई. मुंबई के जोगेश्वरी पुलिस स्टेशन में अलग-अलग धाराओं में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले में जांच शुरू की. बताया जाता है कि शिराजी भारत से यूरोप और अमेरिका में MDMA और केटामाइन समेत बड़े पैमाने पर सिंथेटिक दवाओं की तस्करी में शामिल था.