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कभी जया के बयान पर आग बबूला थी शिवसेना, आज पीछे खड़ी हो गई पूरी पार्टी

बॉलीवुड ड्रग कनेक्शन एक ऐसा मुद्दा बन गया है, जिसकी गूंज संसद तक में सुनाई दी. राज्यसभा में जया बच्चन ने बॉलीवुड को बदनाम करने आरोप लगाते हुए किसी के नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग मनोरंजन जगत को गंदा कर रहे हैं. ये लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं. जया बच्चन के इस बयान से शिवसेना गदगद नजर आ रही है. हालांकि, 12 साल पहले जय बच्चन के ही बयान पर शिवसेना और राज ठाकरे ने पूरी मुंबई को सिर पर उठा लिया था.

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फिल्म अभिनेत्री और सासंद जया बच्चन
फिल्म अभिनेत्री और सासंद जया बच्चन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जया बच्चन के समर्थन में शिवसेना खड़ी हुई
  • जय के बयान पर शिवसेना ने बवाल किया था

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में जब से ड्रग एंगल सामने आया है, उसके बाद से फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं बल्कि सियासत में भी भूचाल आ गया है. बॉलीवुड ड्रग कनेक्शन एक ऐसा मुद्दा बन गया है, जिसकी गूंज संसद तक में सुनाई दी. राज्यसभा में जया बच्चन ने 'बॉलीवुड को बदनाम' करने आरोप लगाते हुए किसी के नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग मनोरंजन जगत को गंदा कर रहे हैं. ये लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं. जया बच्चन के इस बयान से शिवसेना गदगद नजर आ रही है. 

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शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में जया बच्चन की तारीफ करते हुए कहा है कि वह अपनी बेबाकी और सच बोलने के लिए प्रसिद्ध हैं. जया बच्चन ने अपने राजनीतिक और सामाजिक विचारों को कभी छुपाकर नहीं रखा. महिलाओं पर अत्याचार के संदर्भ में उन्होंने संसद में भावुक होकर आवाज उठाई है. ऐसे वक्त में जब सिनेजगत को बदनाम किया जा रहा है तो जय बच्चन सामने आई हैं. 

हालांकि, 12 साल पहले महाराष्ट्र में जय बच्चन का उत्तर भारतीयों के लिए हिंदी में बोलने की वकालत करने पर शिवसेना और एमएनएस ने हल्ला बोल दिया था. राज ठाकरे ने उन्हें 'गुड्डी बुड्ढी' तक बोल डाला था. शिवसेना के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता ऐसी भाषा को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. राज ठाकरे और शिवसेना दोनों ने जया बच्चन से माफी मांगने को कहा था. 

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दरअसल, बात साल 2008 की है. मुंबई में अभिषेक बच्चन की फिल्म द्रोण के प्रोमो लॉन्चिंग का कार्यक्रम था, जिसमें जया बच्चन भी शामिल हुई थी. जया बच्चन ने कहा था, 'हम यूपी के लोग हैं. हमें हिंदी में बात करनी चाहिए.' जया बच्चन के इस बयान पर शिवसेना और राज ठाकरे की एमएनएस ने कड़ी आपत्ति जताई थी. राज ठाकरे ने अमिताभ, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन सबकी फिल्में बैन करने का एलान कर दिया था. बात इतने पर भी नहीं रुकी, उन्होंने कहा कि ये बैन तब तक नहीं हटेगा जब तक जया बच्चन अपने मराठी विरोधी बयान के लिए माफी नहीं मांगती हैं. 

राज ठाकरे ने कहा था कि अगर जया बच्चन हिंदी में ही बात करना चाहती हैं तो वो उत्तर प्रदेश शिफ्ट हो जाएं. महाराष्ट्र में उन्हें मराठी सीखनी पड़ेगी. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वो पश्चिम बंगाल और असम में हिंदी बोल कर दिखाएं कि उन्हें हिंदी से प्यार है. वो यहीं नहीं रुके बोले 'गुड्डी बुड्ढी हो गई लेकिन अक्ल नहीं आई.' यह विवाद इतना बढ़ गया था कि एमएनएस ने अभिषेक बच्चन के एड वाले बोर्ड उखाड़ डाले थे और अमिताभ बच्चन के कई पोस्टर्स पर कालिख भी पोती थी. एक एमएनएस कार्यकर्ता ने तो जया बच्चन का फर्स्ट क्लास का इलाहाबाद का टिकट भी कटवा दिया. 

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राज ठाकरे के द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर मीडिया ने जया बच्चन से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि राज ठाकरे कौन हैं, मैं नहीं जानती. जया बच्चन ने कहा था कि मैं सिर्फ एक ठाकरे को जानती हूं, वो बाल ठाकरे हैं. वो मेरे पिता के समान हैं और उनके बेटे उद्धव ठाकरे को भी जानती हूं. इसके अलावा मैं किसी अन्य ठाकरे को नहीं जानती हूं. 

हालांकि, बाद में बिगड़ते माहौल को देखते हुए अमिताभ बच्चन ने राज ठाकरे से अपने ब्लॉग पर माफी मांगी थी, जिसे राज ठाकरे ने स्वीकार नहीं किया था. राज ठाकरे ने कहा था कि अमिताभ का ब्लॉग पढ़ता कौन हैं. इसके बाद अमिताभ बच्चन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जया बच्चन के हिंदी वाले बयान के लिए माफी मांगी तब जाकर राज ठाकरे ने उनकी माफी स्वीकार की. राज ठाकरे ने ये भी कहा कि माफी तो जया बच्चन को मांगनी चाहिए पर अमिताभ फैमिली के हेड हैं. इस माफी के बाद भी राज ठाकरे को ठंडक नहीं पड़ी. जया बच्चन को उन्होंने सलाह दे डाली कि जया बच्चन को बस लिखे हुए संवाद ही बोलने चाहिए. 

 

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