महाराष्ट्र में एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के पोते रोहित पवार पर ईडी ने एक्शन लिया है. जांच एजेंसी ने कार्रवाई करते हुए रोहित पवार की कंपनी के स्वामित्व वाली शुगर मिल की 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. यह कार्रवाई कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में ईडी द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित है.
ईडी ने बताया कि औरंगाबाद जिले के कन्नड़ गांव में स्थित कन्नड़ सहकारी सखार कारखाना लिमिटेड (कन्नड़ एसएसके) की कुल 161.30 एकड़ भूमि, संयंत्र, मशीनरी और भवन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है. कन्नड़ एसएसके का स्वामित्व बारामती एग्रो लिमिटेड के पास है, जो रोहित पवार की कंपनी है, जो कि एनसीपी के शरद पवार गुट के विधायक भी हैं.
कार्रवाई पर क्या बोले रोहित पवार
ईडी की कार्रवाई पर रोहित पवार ने कहा कि मैंने अपनी कंपनी के खिलाफ ईडी द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पढ़ा और सोचा कि क्या मुझे अब भाजपा में शामिल होना चाहिए? उन्होंने एक्स पर आगे लिखा, लेकिन बीजेपी को याद रखना चाहिए. झुकने वाले और रोने वाले चले गए,अब केवल लड़ने वाले बचे हैं और हम अंत तक लड़ेंगे और जीतेंगे! जो लोग मेरे जैसे स्वाभिमानी मराठी आदमी को घुटनों पर लाने का सपना देखते हैं,उन्हें सिर्फ सपना ही देखना चाहिए!इस कार्रवाई से यह भी लग रहा है कि अगले दो-तीन दिनों में आचार संहिता लागू हो जायेगी.
उन्होंने आगे लिखा, "यह कार्रवाई पूरी तरह से अवैध है और इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी, इसलिए कर्मचारी चिंता न करें.लेकिन सवाल ये है कि ऐसी कार्रवाई सिर्फ मेरे खिलाफ ही क्यों? लेकिन सत्ता का दुरुपयोग करने वालों से आज भी ऐसा सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है! ऐसी ही एक एजेंसी ने जन्मदिन पर भी कार्रवाई की और आज महाशिवरात्रि पर एक और कार्रवाई. लेकिन मैं महादेव का भक्त हूं. जब महादेव अन्याय के खिलाफ जनता जनार्दन के रूप में अपनी तीसरी आंख खोलेंगे, तो कई लोग चौंक जाएंगे.
बता दें कि महाराष्ट्र की कर्जत-जामखेड विधानसभा सीट से 38 वर्षीय विधायक से ईडी ने जनवरी में बारामती एग्रो, कन्नड़ एसएसके और कुछ अन्य के परिसरों की तलाशी के बाद पहले भी पूछताछ की थी. इसके बाद उनसे 1 फरवरी को भी करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी.
औने-पौने दाम में जमीन बेचने का आरोप
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अगस्त 2019 में इस मामले में FIR दर्ज की थी. इससे पहले ईडी ने 5 जनवरी को रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो और बारामती, पुणे, औरंगाबाद और कुछ अन्य ठिकानों पर तलाशी ली थी. मामला तब दायर किया गया था, जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सहकारी क्षेत्र में चीनी मिलों को कथित फर्जी तरीकों से बेचने के आरोपों की जांच करने का आदेश जारी किया था. इस दौरान यह भी कहा गया था कि जमीन को औने-पौने दाम पर बेचा गया था.