प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (PMC) घोटाला जांच मामले में शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को समन जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक वर्षा राउत को पूछताछ के लिए 29 दिसम्बर को तलब किया गया है. वर्षा राउत को मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. उनको पेश होने के लिए तीसरी बार समन जारी किया गया है. इससे पहले मेडिकल ग्राउंड पर वह दो बार एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुई थीं.
उन्हें पूछताछ के लिए धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत समन जारी किया गया है. नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति लगातार तीन समन स्किप करता है तो ED उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है.
आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि ED वर्षा राउत से उस राशि की 'रसीद' के बारे में पूछताछ करना चाहता है जिसका कथित तौर पर बैंक से गबन किया गया था. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में प्रवीण राउत नाम के एक अन्य आरोपी की पत्नी के साथ वर्षा राउत का 50 लाख रुपये का लेन-देन हुआ है. वर्षा राउत को उसी लेन-देन के संबंध में बुलाया गया है. हालांकि, वर्षा राउत की ओर से कहा गया कि इसे संपत्ति की खरीद के लिए उधार लिया गया है.
ED ने पिछले साल अक्टूबर में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक में कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल), उसके प्रमोटर राकेश कुमार वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन, उसके पूर्व अध्यक्ष वी. सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस के खिलाफ पीएमएलए के एक मामला दर्ज किया था.
एजेंसी ने PMC बैंक को कथित रूप से ''प्रथम दृष्टया गलत तरीके से 4,355 करोड़ रुपये का नुकसान और खुद को लाभ'' पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था.
राकांपा और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महागठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हिस्सा शिवसेना ने पहले आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उन्हें गलत तरीके से निशाना बना रही हैं.
हाल ही में शरद पवार की पार्टी राकांपा में शामिल हुए बीजेपी के पूर्व नेता एकनाथ खडसे को भी ED ने पुणे में एक भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन मामले के संबंध में 30 दिसंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है.
PMC बैंक घोटाला
आपको बता दें कि पिछले साल आरबीआई को पता चला था कि PMC बैंक ने एक रियल इस्टेट डेवलपर को क़रीब 6500 करोड़ रुपये लोन देने के लिए नकली बैंक खातों का उपयोग किया. जिसके बाद आरबीआई ने इस बैंक से पैसे निकालने पर लिमिट लगा दी. फिर ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी की जांच शुरू कर दी.
उधर, खुलासे के बाद बैंक के पूर्व एमडी और पूर्व चेयरमैन के साथ ही बैंक के कई वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था. मालूम हो कि PMC बैंक की 7 राज्यों में करीब 137 शाखाएं हैं.