मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता एकनाथ खडसे को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत दे दी है. खडसे के ऊपर अपने परिवार के सदस्यों से जुड़े पुणे जिले में एक भूमि सौदे से संबंधित मामले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था.
खडसे के वकील मोहन और स्वाति तेकावड़े ने 2021 में अग्रिम जमानत याचिका के साथ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद 21 अक्टूबर 2021 को हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया था कि वह खडसे को एक सप्ताह तक गिरफ्तार न करें, जब तक उन्हें जमानत लेनी थी.
सुरक्षा मिलने के बाद खडसे विशेष अदालत में पेश हुए थे और जमानत के लिए याचिका दायर की थी. विशेष अदालत ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए खडसे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. यह राहत पिछले दो साल में समय-समय पर बढ़ाई गई.
गुरुवार को विशेष अदालत ने आखिरकार आवेदन पर फैसला सुनाया और खडसे को जमानत दे दी गई. विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने उन्हें 2 लाख रुपये के बांड और इतनी ही राशि की एक या अधिक जमानत राशि पर जमानत दे दी. अदालत ने खडसे को उसकी अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया. अदालत ने कहा, वह अभियोजन पक्ष के गवाहों और सबूतों के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और मुकदमे के जल्द निपटारे में सहयोग करेंगे.
बता दें कि महाराष्ट्र में पिछली भाजपा नीत सरकार में वरिष्ठ मंत्री खडसे को 2016 में पद छोड़ना पड़ा था, क्योंकि उन पर अपनी पत्नी और दामाद द्वारा पुणे के पास भोसरी औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी भूमि की खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था. दावा किया गया था कि खडसे परिवार ने कथित तौर पर बेहद सस्ती कीमत पर जमीन खरीदी, जो उस समय मौजूदा बाजार दर से काफी कम थी.