महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे पर मंत्रिमंडल के फेरबदल में गाज गिर सकती है. उनसे कुछ विभाग वापस लिए जा सकते हैं. मंगलवार को कैबिनेट की अहम मीटिंग में उनकी नामौजूदगी के बाद इस तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. मीटिंग के दौरान खडसे अपने विधानसभा क्षेत्र के एक मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने चले गए थे.
खडसे ने सीएम फड़नवीस से मिलकर जताई नाखुशी
इससे पहले सोमवार की शाम खडसे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ लगभग 40 मिनट की मीटिंग की. जानकारी के मुताबिक खडसे ने सीएम फड़नवीस से पार्टी और सरकार पर खुद को
अकेले छोड़ देने के लिए नाखुशी जताई. जमीन सौदे में फायदा उठाने के आरोपों से घिरे खडसे को अपना बचाव खुद करना पड़ रहा था.
खडसे के बचाव में अधूरे मन से उतरी बीजेपी
इसके तुरंत बाद बीजेपी ने पहली आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस कर खडसे का बचाव करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान प्रवक्ता की तैयारियों की कमी नजर आई. आधे-अधूरे मन से किए गए
उनके सवाल-जवाब खास असर नहीं छोड़ पा रहे थे. वहीं सीएम फड़नवीस इस नए विवाद पर लगातार चुप्पी साधे हुए हैं.
मुक्ताईनगर में पूजा करने गए खडसे
कैबिनेट की अहम मीटिंग के दौरान सीनियर मंत्री एकनाथ खडसे जलगांव के मुक्ताई नगर गए हुए थे. खडसे के पास सरकार के 10 बेहद अहम प्रोफाइल हैं. इनमें राजस्व, आबकारी और कृषि
जैसे विभाग शामिल हैं. अपने क्षेत्र में खडसे ने श्री संत मुक्ताईबाई समाधि उत्सव की पूजा में हिस्सा लिया. इसके बाद उन्होंने वरकरी समारोह में भी भागीदारी की.
विरोधियों की मांग पर नहीं देंगे इस्तीफा
खडसे ने कैबिनेट मीटिंग में नहीं जाने पर सफाई देते हुए कहा कि मुक्ताईदे का आशीर्वाद हमारे साथ है. इसलिए मैंने मीटिंग के बजाय यहां आना बेहतर समझा. उन्होंने कहा कि इन विवादों की
वजह से मैं सरकार से इस्तीफा नहीं देने जा रहा. विरोधी दल लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
खडसे को पार्टी की ओर से अकेले छोड़ने की चर्चा
राजनीतिक हलकों में चर्चा गर्म है कि खडसे ने पार्टी नेतृत्व को साथ खड़े नहीं होने की वजह से नाखुशी जताने के लिए मीटिंग में जाना रद्द किया है. जानकारी के मुताबिक खडसे कैंप पार्टी पर
दबाव बनाना चाह रहा है. उनका मानना है कि पंकजा मुंडे और विनोद तावड़े पर आरोप लगाए गए तो सीएम फड़नवीस सहित पूरी पार्टी उनके बचाव में उतर गई थी. वहीं खडसे के मामले में
उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है.