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अपनी ही सरकार में घिरने लगे शिंदे! MSP आधारित खरीद में अनियमितताओं पर एक्शन मोड में फडणवीस सरकार

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार नोडल एजेंसियों की नियुक्ति, रणनीति निर्माण और खरीद एजेंसियों के चयन को लेकर नई नीति तैयार करने की योजना बना रही है. साथ ही, उन एजेंसियों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी, जो तय मानकों को पूरा नहीं करती हैं.

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एकनाथ शिंदे को बड़ा झटका (फाइल फोटो)
एकनाथ शिंदे को बड़ा झटका (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे को एक और बड़ा झटका लगा है, क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) आधारित कृषि उत्पाद खरीद में अनियमितताओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं.

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सरकार द्वारा जारी आदेश में पूर्ववर्ती सरकार के तहत पूर्व विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) को प्रस्तावित नोडल एजेंसियों की नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं.

रद्द होगी एजेंसियों की मान्यता

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार नोडल एजेंसियों की नियुक्ति, रणनीति निर्माण और खरीद एजेंसियों के चयन को लेकर नई नीति तैयार करने की योजना बना रही है. साथ ही, उन एजेंसियों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी, जो तय मानकों को पूरा नहीं करती हैं.

सरकार ने उन नोडल एजेंसियों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है, जिन्हें एमएसपी पर कृषि उत्पादों की खरीद के लिए NAFED सूची में शामिल किया गया था, लेकिन उनके पास इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं था और वे केवल राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण चुनी गई थीं.

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छह सदस्यीय कमेटी करेगी नई नोडल एजेंसियों का चयन

इन एजेंसियों की समीक्षा के बाद, सरकार ने छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो नई नोडल एजेंसियों के चयन और उनके लिए एक समावेशी नीति बनाने का निर्णय लेगी. राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ऐसी एजेंसियों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है, जिनमें से अधिकांश को प्याज और सोयाबीन खरीद का कोई अनुभव नहीं है. 

सिर्फ दो साल पहले राज्य में केवल 8 एजेंसियां कार्यरत थीं. हालांकि, जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे और विपणन विभाग उनके पास था, तब इन एजेंसियों को अनुमति देने के लिए NAFED को प्रस्ताव भेजे गए थे, जिन्हें बाद में मंजूरी दे दी गई.

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