महाराष्ट्र सरकार से बगावत के बाद शिवसेना नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे का पहला बयान आ गया है. शिंदे ने कहा है कि सत्ता के लिए वह कभी धोखा नहीं देंगे. इस बीच एकनाथ शिंदे पर शिवसेना का एक्शन भी शुरू हो गया है. शिंदे शिवसेना विधायक दल के नेता थे. इस पद से अब उनको हटा दिया गया है. उनकी जगह अजय चौधरी को नेता बनाया गया है.
इस बीच एकनाथ शिंदे ने सफाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया है कि हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं. बालेसाहेब के हमें हिंदुत्व सिखाया है. हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद साहेब ने हमें धोखा देना नहीं सिखाया है.
आम्ही बाळासाहेबांचे कट्टर शिवसैनिक आहोत... बाळासाहेबांनी आम्हाला हिंदुत्वाची शिकवण दिली आहे.. बाळासाहेबांचे विचार आणि धर्मवीर आनंद दिघे साहेबांची शिकवण यांच्याबाबत आम्ही सत्तेसाठी कधीही प्रतारणा केली नाही आणि करणार नाही
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 21, 2022
एकनाथ शिंदे फिलहाल गुजरात के सूरत में हैं. उनके साथ कई बागी विधायक भी मौजूद हैं. कुल मिलाकर इन बागियों की संख्या 26 बताई जा रही है. माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे NCP संग गठबंधन से नाराज हैं. ऐसे में वह उद्धव ठाकरे से गुजारिश कर सकते हैं कि वह दोबारा बीजेपी के साथ आकर सरकार बनाएं.
यह भी पढ़ें - उद्धव सरकार गिरी तो क्या बीजेपी के साथ जाएगी NCP? सवाल पर मुस्कुरा दिये शरद पवार
दूसरी तरफ बीजेपी अन्य प्लानिंग पर भी काम कर रही है. बीजेपी चाहती है कि महाराष्ट्र में सरकार गिर जाए. ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा. फिर बाद में जब दोबारा चुनाव होंगे तो बीजेपी ज्यादा सीट जीतकर फिर सत्ता पाने की कोशिश करेगी.
ये 26 विधायक हुए बागी
बता दें कि एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कुछ विधायकों ने कल MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी. इसका फायदा बीजेपी को मिला. चुनाव में सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी को जोरदार झटका लगा है.
विधान परिषद चुनाव में छह में से अघाड़ी के सिर्फ 5 उमीदवार चुन कर आए हैं, वही बीजेपी के पांचों उम्मीदवार जीत गए. महाराष्ट्र में विधान विधान परिषद चुनाव में 10 सीटों पर 11 उम्मीदवार मैदान में थे। दसवीं सीट पर कांग्रेस के दो उम्मीदवारों के बीच संघर्ष देखने को मिला, जिसमें भाई जगताप को जीत मिली और चंद्रकांत हंडोरे हार गए.