एल्गार परिषद मामले में आरोपी प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे, एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और वर्नोन गोन्जाल्विस ने एक बार फिर अंतरिम बेल के लिए एनआईए कोर्ट का रुख किया है. तलोजा जेल में बंद तीनों आरोपियों ने मांग की है कि वे तीनों ही सीनियर सीटिजन हैं, ऐसे में मौजूदा हालात को देखते हुए उन्हें बेल दे दी जाए.
तीनों के द्वारा दाखिल अपील के मुताबिक, जेल प्रशासन ने 60 साल से अधिक उम्र वाले कैदियों से कहा है कि वह कोरोना संकट के दौरान अंतरिम बेल के लिए अपील कर सकते हैं. अब इस अपील के बाद कोर्ट की ओर से एनआईए को नोटिस दिया गया है और उनसे जवाब मांगा गया है.
बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब तीनों ने कोरोना संकट के बीच बेल के लिए अप्लाई किया है. पहले भी तीनों आरोपी मेडिकल ग्राउंड पर बेल की मांग कर चुके हैं, लेकिन एनआईए के विरोध के कारण ये रद्द हो गई थी. बता दें कि वर्नोन गोन्जाल्विस साल 2018 से, जबकि अन्य दोनों आरोपी साल 2020 से ही जेल की सलाखों के पीछे हैं.
इन तीनों आरोपियों के समेत कुल दस लोगों को एंटी नेशनल एक्टिविटी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 31 दिसंबर, 2017 को भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के पीछे इनके भड़काऊ भाषणों को दोष दिया गया था. यहां एल्गार परिषद द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसके बाद ही हिंसा भड़की थी.
इस हिंसा से जुड़े पूरे विवाद में पुणे पुलिस ने देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी की थी, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जबकि लैपटॉप, मोबाइल समेत अन्य कई गैजेट्स भी जब्त किए गए थे.