29 सितंबर को मुंबई के रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर भगदड़ मचने के कारण 22 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के बाद जांच करने के लिए पैनल का गठन किया गया था. पैनल ने हादसे में घायल हुए 30 लोगों से मुलाकात की, उनसे हादसे के बारे में पूछा. इसके अलावा उन्होंने घटना का पूरा वीडियो भी देखा. पैनल का मानना है कि भगदड़ मचने का मुख्य कारण पुल गिरने की अफवाह मचना रहा. जिसके कारण स्थिति बिगड़ती चली गई.
पैनल की रिपोर्ट में ये सामने आया है कि भारी बारिश आने के कारण लोग एक दम से सीढ़ियों पर आ गए. जिससे वहां पर भीड़ हो गई. ब्रिज पर लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही थी. जिन यात्रियों के पास सामान था, उनका बैलेंस बिगड़ गया और वह गिर गए. जिससे भगदड़ मच गई.
पैनल ने कुछ सुधार का सुझाव भी दिया है. उन्होंने कहा है कि ब्रिज की सीढ़ियों के बिल्कुल पास ही जो बुकिंग ऑफिस है, उसे वहां से कहीं ओर शिफ्ट किया जाए. इसके अलावा सिक्योरिटी स्टाफ को वायरलैस फोन उपलब्ध किया जाए.
गौरतलब है कि भगदड़ के कारण 22 लोगों की मौत हो गई थी. परेल और एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन के बीच ओवर ब्रिज पर हुआ था, जिसमें 35 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
बताया गया था कि बारिश के कारण ओवर ब्रिज पर फिसलन थी, रेलिंग का हिस्सा टूटने से हादसा हुआ. सरकार ने हादसे में मारे गए सभी लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी. इस मुद्दे पर शिवसेना, मनसे ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था.