एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार ने इशारों में ही कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सत्ता का केंद्रीकरण हो गया है और ये हालात आपातकाल की ओर ले जाएगा.
उन्होंने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति के हाथों में सारे हक देने से लोकतंत्र पर संकट मंडराने लगता है. शरद पवार ने आपातकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी की अगुवाई में भारत ने पाकिस्तान को हराया और बांग्लादेश का गठन हुआ. इस सफलता के बाद देश इंदिरा गांधी के समर्थन में खड़ा हो गया था लेकिन फिर किसी की गलत सलाह या गलत निर्णय की वजह से सत्ता का केन्द्रीकरण हुआ और परिणाम आपातकाल के रूप में देखने को मिला.
नोटबंदी का फैसला मोदी का अधिकार नहीं
पवार ने आगे कहा कि आज भी जब प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर निकलते हैं तो दिल्ली में बीजेपी के बड़े-बड़े नेता चैन की सांस लेते हैं. ऐसे ही हालात हमने 1977 में अनुभव किये थे. शरद पवार ने नोटबंदी के फैसले को लेकर भी पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो नोटबंदी का निर्णय लिया था वो उन्हें लेने का अधिकार बिलकुल नहीं था. ये अधिकार सिर्फ और सिर्फ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर को ही है. पवार ने कहा कि आज देश में हालात भयभीत करने वाले हैं. गौरक्षा के नाम पर हत्याएं हो रही हैं. जम्मू-कश्मीर में भी मुश्किल हालात हैं.
पाकिस्तान के लोगों में भारतीयों को लेकर सम्मान
राष्ट्रवाद के नाम पर पाकिस्तान भेजने की सलाह देने वालों को पवार ने कहा कि जो लोग ऐसा कहते हैं, उन्हें नहीं पता कि पाकिस्तान और हिन्दुस्तान के नागरिकों का दिल एक जैसा धड़कता है. पवार ने बताया कि बतौर ICC अध्यक्ष उन्होंने कई बार पाकिस्तान का दौरा किया और हर बार उन्हें महसूस हुआ कि पाकिस्तान के लोगों के दिल में भारतीयों को लेकर सम्मान और प्रेम है. इसके उलट पाकिस्तानी फौज और सत्ताधारी मजबूरी में भारत से विवाद और फौजी आक्रमण में उलझते हैं. दरअसल, उन्हें भी पाकिस्तान की अवाम पर राज करना है.
मराठा आरक्षण को लेकर शरद पवार ने कहा कि राज्य के किसानों की हालत ठीक नहीं है. वहीं युवा आर्थिक संकट की वजह से दसवीं के बाद पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं. इसलिए राज्य सरकार से गुजारिश है कि SC, ST और OBC को जो आरक्षण दिया गया है उसे सुरक्षित रखते हुए मराठा समाज को आरक्षण दे.