मुंबई में मेट्रो कारशेड बनाने के लिए बीएमसी ने पेड़ काटने आदेश दिया था. बीएमसी के इस फैसले का सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक विरोध हो रहा है. इस विरोध प्रदर्शन में कई बड़ी हस्तियों ने भी हिस्सा लिया है. आरे जंगल में पेड़ों को काटने के विरोध में पर्यावरणविद और वकील गॉडफ्रे पिमेंता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
पत्र में कहा गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन सबका साथ सबका विकास को ध्यान में रखते हुए हमें फैसला लेना चाहिए था. हम उम्मीद करते हैं कि आरे मिल्क कॉलोनी की सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए जाएंगे.
गौरतलब है कि बीएमसी ने आरे जंगल से दो हजार पेड़ों को साफ करने के आदेश दिए हैं. यह आदेश मुंबई मेट्रो 4 प्रोजेक्ट के कारशेड बनाने के लिए दिया गया है. इंडिया टुडे से बातचीतम में गॉडफ्रे पिमेंता ने कहा कि ज्यादातर मुंबईकर बीएमसी के इस फैसले के विरोध में हैं. अब शहर के मुख्य नागरिक भी इसका विरोध कर रहे हैं. यह बड़ा चुनावी मुद्दा बन जाएगा. अगर पार्टियां इस फैसले को अनदेखा करती हैं तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
पर्यावरण कार्यकर्ता ने आगे लिखा, आरे की सुंदरता और शांति प्रकृति प्रेमियों को कहीं और नहीं मिलती है. तथ्य यह है कि आरे में पक्षियों के घर भी है, बीएमसी के फैसले के बाद पक्षी भी बेघर हो जाएंगे. आरे मिल्क कॉलोनी पिछले 130 सालों से छिपकली (Gecko) का भी घर है.
इंडिया टुडे ने गॉडफ्रे से पूछा कि इसके बदले मुंबई मेट्रो रेल तीन गुना पेड़ लगाएगा तो उन्होंने कहा कि पेड़ लगाने का उनके पास कोई प्लान नहीं है. वहीं जो पेड़ लगाए भी जाएंगे वो बेहद खराब हालात के हैं. पत्र में उन्होंने लिखा, आरे कॉलोनी जो एक समृद्ध जैव विविधता का घर है, इसके बदले मेट्रो कार शेड, थीम पार्क, चिड़ियाघर और संजय गांधी नेशनल पार्क के आदिवासियों को भी विस्थापित किया गया है. इस फैसले का कई अन्य संगठनों ने भी जमकर विरोध किया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि आरे शहर के फेफड़ों का काम करता है.
इसके अलावा गॉडफ्रे पिमेंता ने सभी राजनीतिक पार्टियों से इस आदेश के विरुद्ध वोटिंग करने का फैसला किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह मुंबई के ग्रीन कवर को बचाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे.