मुंबई में एक मॉडल ने आईपीएस अफसर पर रेप का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. सुनील पारस्कर नाम के पुलिस अधिकारी के खिलाफ मॉडल ने पूर्वोत्तर मुंबई के उपनगर मालवानी के पुलिस थाने में केस दर्ज कराया है.
मॉडल द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में उसने सुनील पारस्कर पर लगाए हैं ये आरोप...
1. मैं पेशे से एक मॉडल हूं और कई नामी-गिरामी कंपनियों के लिए कैंपेन व विज्ञापन कर चुकी हूं. मेरा स्क्रीन का नाम .... है और मैं डीआईजी सुनील पारस्कर को पिछले डेढ़ साल से जानती हूं. मैंने अपने भाई के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की थी, क्योंकि मेरे भाई ने प्रोपर्टी के लिए मेरी मां को हफ्ते भर के लिए एक कमरे में बंद कर दिया था और उनके साथ मारपीट की थी. इस केस की वजह से मैं सुनील पारस्कर को जानती हूं.
2. लोकल पुलिस भाई के मामले में मेरी कोई मदद नहीं कर रही थी. इसके बाद मैं सुनील पारस्कर से मिली, वे तब उत्तरी मुंबई के एडिशनल सीपी थे. उन्होंने मेरी मदद की. पहली मुलाकात में ही हमने एक-दूसरे को अपने फोन नंबर दे दिए थे. 2013 में मेरा एक अंग्रेजी अखबार में आर्टिकल आने के बाद सुनील ने मुझे मैसेज करके बधाई दी और तब से हर त्योहार पर सुनील पारस्कर का मैसेज आने का सिलसिला शुरू हुआ.
3. नवंबर और दिसंबर 2013 में सुनील ने मुझे बांद्रा रिक्लमेशन बुलाया. वे अपनी यूनिफॉर्म में पुलिस की गाड़ी में थे और उनके पास वॉकी-टॉकी था. उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं ड्राइवर को लिए बिना खुद ड्राइव करके वहां आऊंगा. मैं वहां पहुंची तब सुनील वहां पहले से ही मौजूद थे. उनकी कार में सिविल ड्रेस में ड्राइवर भी मौजूद था. पहले मैंने उन्हें अपनी कार चलाने दी, शायद उन्हें मेरी ऑटोमेटिक कार चलाना नहीं आया. फिर मैं अपनी कार चलाने लगी और वे मेरी बगल में बैठ गए. उन्होंने अपने ड्राइवर से हमें रास्ता बताने को कहा. उनकी गाड़ी आगे चल रही थी और मेरी गाड़ी पीछे-पीछे.
4. हम एक बहुमंजिला इमारत के पास मेरे पुराने केस के बारे में बात करते-करते पहुंचे. मुझे इलाके के बारे में जानकारी नहीं है, शायद थाणे था या नवी मुंबई होगा. टावर की लिफ्ट में हम दोनों पहुंचे. उन्होंने लिफ्ट का कौन-सा बटन दबाया मुझे याद नहीं. लिफ्ट का दरवाजा खुलते ही सामने एक कमरे में वे मुझे लेकर गए. उन्होंने बताया ये उनका मकान है, जिसे किराए पर देना चाहते हैं. उन्होंने मुझे अपना मकान दिखाया. मैंने सफेद और काले रंग की शॉर्ट ड्रेस पहनी थी. बाद में हम दोनों घर पर बैठे, तब सुनील मेरे करीब आए. उन्होंने मेरी ड्रेस में हाथ डाला और दूसरे हाथ से बायां स्तन दबाया.
5. मैंने उनका हाथ झटक दिया. मैं गुस्से में वहां से निकल आयी. सुनील और मैं, मेरी ही कार में बांद्रा लौटे. बीच रास्ते में उन्होंने मुझसे कई बार माफी मांगी. घर पहुंचने के बाद भी उन्होंने मुझे कई एसएमएस भेजकर माफी मांगी.
6. फरवरी 2014 में सुनील मुझे और मेरी बहन को अपने दफ्तर में मिले. उन्होंने अपने बेटे की कसम खाई और रोते हुए कहा कि उन्होंने मीडिया में कोई बात लीक नहीं की. तभी उन्होंने मेरे सफेद सैमसंग मोबाइल के बदले मुझे नया आईफोन गिफ्ट किया. उन्होंने पुलिस की दर्ज एफआईआर के बदले मुझसे तोहफा मांगा और मैंने दबाव में उन्हें 70 हजार की एक गाड़ी तोहफे में दी. उसके बाद हमारी बातचीत कम होने लगी और वे मुझे सुबह शाम एसएमएस भेजने लगे. उन्होंने कई बार मुझे मिलने के लिए कहा. मैं पिछली बार के हादसे से सबक लेते हुए इस बार उन्हें एक कॉफी शॉप में मिली.
इस घटना के तकरीबन एक हफ्ते बाद सुनील मुझे दोबारा मिले और मुझे मलाड के मड इलाके के एक बंगले में ले गए. यहीं उन्होंने मुझे एक शख्स से मिलाया और कहा कि मैं इस बंगले को फोटो शूट के लिए मुफ्त में इस्तेमाल कर सकती हूं. इसके बाद वे मुझे बंगले की पहली मंजिल पर ले गए और मुझसे माफी मांगने लगे. इसके बाद वे मुझे गले लगाने लगे और कहने लगे कि मैं इन कपडों में सेक्सी दिख रही हूं और वे मुझे पसंद करते हैं. इसके बाद वे मुझे नीचे वाले कमरे में ले गए, वहां शराब भी रखी थी. मैंने शराब पीने से इनकार कर दिया. वे शराब पीकर मुझे चूमने लगे और मेरे सीने को गलत तरीके से छूने लगे. इसके बाद उन्होंने जबरन मेरे कपड़े उतारे. मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उनकी ताकत के सामने मेरी कोशिश नाकाम रही. मैंने ऑफ व्हाइट फुल लेंग्थ ड्रेस पहन रखी थी. उन्होंने मुझे बिस्तर पर धकेला. उन्होंने मेरे अंदरूनी कपड़े भी उतार दिए और मेरे प्राइवेट पार्ट में उंगली घुसाई. फिर उन्होंने खुद के कपड़े उतारे और मेरे साथ बलात्कार किया. उसके बाद वो वॉशरूम में चले गए. फिर मैंने भी वॉशरूम जाकर अपने कपड़े पहने. मैं शॉक्ड और डरी हुई थी, दर्द से तड़प रही थी. मेरी बाईं बांह पर खरोंच भी आई. इसके बाद हम दोनों मेरी ही कार में मलाड तक वापस आए. मैं रास्ते भर रोती रही. वे गाड़ी से उतरकर अपने एक दोस्त की कार में बैठकर चले गए.
7. इसके बाद उन्होंने मुझे अपने तबादले की जानकारी दी. मुझे उन्होंने सांताक्रूज के सहाना स्टार होटल में बुलाया, लेकिन मैं वहां अकेले ना जाकर अपने बिजनेस पार्टनर के साथ गई. यहां मैंने उन्हें 57 हजार का एक गिफ्ट दिया. उन्होंने मुझे किसी ऐसे शख्स से मिलाने के लिए कहा, जो उनका तबादला रोक सके. हम बांद्रा के चाइना गेट में मेरे पीआर मैनेजर और सुनील व उनकी बीवी सहित कुल चार लोग मिले. मैं उनकी बीवी को उनकी करतूत बताना चाहती थी, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला. आखिरकार जुलाई 2014 में मैंने अपनी बहन को पूरी कहानी बताई. उसकी मदद से हम वकील से मिले. मेरी वकील ने उन्हें एक नोटिस भी भेजा.
8. सुनील पारस्कर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मेरे साथ छेड़खानी और बलात्कार किया और मुझे शारीरिक व मानसिक पीड़ा पहुंचाई. साथ ही मुझे महंगे तोहफे देने के लिए मजबूर किया. मेरी गुजारिश है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. मैं पुलिस थाने में बिना किसी दबाव और खुद की मर्जी से आयी हूं. मैंने अपना बयान मेरी बहन की मौजूदगी में पूरे होशो-हवास में अंग्रेजी भाषा में लिख कर दिया है.