लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) अब राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. इन तैयारियों के बीच पार्टी में गुटबाजी और अंदरुनी कलह खुलकर सामने आ रही है. इसका ताजा उदाहरण पिछले सोमवार को अहमदनगर में देखने को मिला, जब पार्टी अपना 25वां स्थापना दिवस मना रही थी.
इस दौरान शरद पवार के पोते विधायक रोहित पवार और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अप्रत्यक्ष तौर पर एक दूसरे पर निशाना साधा. कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान दोनों नेताओं ने जमकर बयानबाजी की. सबसे पहले मंच पर आए रोहित ने पाटिल को लोकसभा में जीत का 'सेनापति' बताने वाले पोस्टरों पर अपनी आपत्ति जताई.
रोहित का जयंत पाटिल पर निशाना
रोहित ने कहा, "कुछ नेता यह दावा करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह किंगमेकर या सेनापति (पार्टी की लोकसभा जीत) है. यह जीत किसी एक व्यक्ति की वजह से नहीं बल्कि सबके प्रयासों की वजह से मिली है. इस उम्र में शरद पवार द्वारा किए गए प्रयासों की बदौलत यह जीत मिली है." उन्होंने राज्य इकाई से जुड़े विभिन्न संगठनात्मक मामलों पर भी बात की, जिसका नेतृत्व पाटिल अप्रैल 2018 से कर रहे हैं.
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रोहित ने यह भी कहा कि अगर पार्टी दलबदलुओं (अजीत पवार खेमे के विधायकों) का स्वागत कर रही है, तो उन्हें यह सोचना चाहिए कि जरूरत के समय में हमारी पार्टी के साथ कौन खड़ा था. रोहित उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की आलोचना करने में सबसे आगे दिखे, जिन्होंने पिछले साल जुलाई में बगावत कर पार्टी को अपने कब्जे में ले लिया था और इसके बाद एनसीपी में दोफाड़ हो गए थे. पिछले स्थापना दिवस समारोह में अजीत पवार ने ही कहा था कि पाटिल पिछले पांच साल से अध्यक्ष हैं. उन्होंने राज्य अध्यक्ष के तौर पर काम करने की इच्छा भी जताई थी.
जयंत ने दी सार्वजनिक बयानों से बचने की सलाह
जब जयंत पाटिल की बारी आई, तो उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बयान नहीं दिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरा अध्यक्ष से एक छोटा सा अनुरोध है. कई लोगों ने पहले ही इस पद पर मेरे महीनों की गिनती कर ली है. अगले चार महीनों की गिनती मत कीजिए... और ट्विटर आदि पर सार्वजनिक रूप से कुछ भी मत बोलिए. अगर आपको मेरे खिलाफ कोई शिकायत है, तो सीधे शरद पवार से संपर्क करें. उन्हें कार्रवाई करने दीजिए. मैं नवंबर (विधानसभा चुनावों के बाद) के बाद पद को छोड़ दूंगा. अगर आपको पार्टी के बारे में कुछ कहना है, तो मुझे सार्वजनिक रूप से नहीं, बल्कि निजी तौर पर बताएं. इसे टीम वर्क होने दीजिए, क्योंकि टीम वर्क ही परिणाम देता है. यह मेरी अकेले की जीत नहीं है.'
युवा इकाई अध्यक्ष के पद पर है रोहित की नजर
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश युवा इकाई अध्यक्ष का पद रोहित पवार और जयंत पाटिल के बीच तनाव का कारण बना हुआ है. रोहित का खेमा पिछले छह महीने से इस पद पर नजर गड़ाए हुए है. रोहित के पास खुद पार्टी में कोई पद नहीं हैं. स्थापना दिवस के कार्यक्रम के बाद भी तनाव देखने को मिला जब सुप्रिया सुले रोहित पवार को शरद पवार की कार में ले गईं. तीनों ने अहमदनगर से पुणे तक एक साथ यात्रा की थी.