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'कॉनमैन' किरण मामले में J&K से गुजरात तक घमासान, पत्नी बोली- 'वो इंजीनियर हैं और...'

जम्मू-कश्मीर में पकड़े गए कॉनमैन किरणभाई पटेल के मामले में केंद्र शासित प्रदेश के साथ ही दिल्ली और गुजरात में हड़कंप मचा हुआ है. अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और गुजरात एटीएस ने भी जांच शुरू कर दी है. पुलिस किरण का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है और गुजरात में उसके कनेक्शन के बारे में पता लगा रही है.

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किरणभाई पटेल और उसकी पत्नी.
किरणभाई पटेल और उसकी पत्नी.

पीएमओ का शीर्ष अधिकारी बताकर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा में सेंध लगाने वाले किरणभाई पटेल के मामले में उनकी पत्नी का रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा कि उनके पति इंजीनियर हैं और विकास कार्य के संबंध में जम्मू-कश्मीर गए थे. पति पर भरोसा जताते हुए कहा कि वो कभी कुछ गलत नहीं कर सकते.

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किरणभाई की पत्नी मालिनी पटेल का कहना, "मेरे पति इंजीनियर और मैं डॉक्टर हूं. वो कुछ गलत नहीं कर सकते. मेरे पति वहां विकास कार्य के लिए गए थे. इसके अलावा उनका कोई मकसद नहीं था. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. वहां हमारे वकील हैं, जो कि मामले को देख रहे हैं. मुझे भरोसा है कि वो कभी किसी के साथ गलत नहीं करेंगे".

परिवार ने जताई  राजनीतिक साजिश की आशंका

इस मामले में किरण के वकील रेहान गोहर का कहना है कि उनके मुवक्किल ने बताया है कि उनके साथ एक और शख्स था. पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किए और उक्त शख्स को पुलिस ने छोड़ दिया. किरण के परिवार ने बताया है कि इससे पहले एक बार जब वो (किरण) कश्मीर गए थे, तब सरकार की ओर से प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन हुआ था. इसमें राजनीतिक साजिश दिख रही है. वहीं, किरण के बयान के अनुसार, उस पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. मामले की जांच चल रही है.

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अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और एटीएस ने जांच शुरू की

गौरतलब है कि किरण अहमदाबाद के घोड़ासर इलाके में पत्नी के साथ रहता है. मामले की गंभीरता को देखते हुए और सूचना मिलने पर अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और गुजरात एटीएस ने भी जांच शुरू कर दी है. पुलिस किरण का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है और गुजरात में उसके कनेक्शन के बारे में पता लगा रही है.

जम्मू-कश्मीर के सियासी गलियारों में मचा घमासान

उधर, इस मामले में जम्मू-कश्मीर में घमासान मचा हुआ है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के बाद पूर्व डिप्टी सीएम एवं बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता ने मामले में स्थानीय प्रशासन पर निशाना साधा है. कहा कि यह प्रशासन की ओर से की गई बड़ी चूक है. हो सकता है कि वह (किरण) दुश्मन देश के लिए काम कर रहा हो.

उन्होंने किरण पटेल को सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. गुप्ता ने मामले की उच्च स्तरीय जांच वाली फारूक अब्दुल्ला की मांग का समर्थन भी किया है. 

फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि यह बहुत गंभीर मामला है. जम्मू-कश्मीर एक संवेदनशील क्षेत्र है. ऐसी चूक कैसे हो सकती है? एलजी प्रशासन के लिए यह बहुत शर्मिंदगी की बात है. उन्हें किरण पटेल को सुविधाएं देने से पहले पूरी जांच करनी चाहिए थी.

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इसके साथ ही अब्दुल्ला ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. कहा कि मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए जाने चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए. इसके अलावा उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जिन्होंने कॉनमैन को सुरक्षा कवर और अन्य सुविधाएं प्रदान कीं.

सीआईडी विंग ने पुलिस को दो मार्च को दी थी सूचना

गौरतलब है कि 2 मार्च को जम्मू-कश्मीर पुलिस की सीआईडी विंग ने एक संदिग्ध के बारे में पुलिस को सूचना दी थी. इस पर एसएसपी श्रीनगर ने उसे पकड़ने के लिए एसपी पूर्वी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. अगले दिन यानी कि तीन मार्च को पुलिस ने किरणभाई पटेल को पकड़ा. पूछताछ के दौरान पुलिस को उसकी गतिविधियां और बातें संदिग्ध लगीं. इस पर उसे पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

पुलिस का आरोप है कि किरणभाई पटेल ने खुद को पीएमओ में एडिशनल डायरेक्टर बताया. इतना ही नहीं केंद्र शासित प्रदेश में शीर्ष अधिकारियों के साथ वो कई बैठकें कर चुका है. बीते साल अक्टूबर महीने से वो कश्मीर घाटी का दौरा कर रहा था. गिरफ्तार होने से पहले वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब उरी में कमान पोस्ट से होते हुए श्रीनगर के लाल चौक तक पहुंचा था.

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