किसान आंदोलन के उग्र रूप धारण करने के बाद रविवार की दोपहर को महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी. लेकिन, रविवार की शाम को ही कर्ज के बोझ तले दबे अकोला जिले के एक किसान के जहर पीकर आत्महत्या करने का मामला सामने आ गया.
जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के अकोला जिले तलेगांव के डेढ़ एकड़ के मालिक और युवा किसान जयप्रकाश खरोले ने रविवार की शाम कर्ज के चलते आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपने डेढ़ एकड़ खेती में प्याज बोया हुआ था, जिसमें बिजली देने वाला डीपी (electric unit) जलने की वजह से उनके प्याज की फसल को पानी नहीं मिला और सारी फसल का नुकसान हो गया. फसल के लिए बैंक से उन्होंने 45 हजार कर्ज ले रखा था वही इस साल खरीफ की बुआई के लिए कृषि केंद्र से 60 हजार के बीज खरीदे थे. उसके चेक के पैसे जुटाना उनके लिए मुश्किल हुआ जिसमें वह चेक रिटर्न हुआ.
रिटर्न आए चेक का नोटिस आने से किसान नाराज था और डिप्रेशन में चला गया. हालात काबू में ना आता देख अंत में उसने जहर खा लिया. जिसके बाद उसकी अस्पताल में इलाज दौरान मौत हो गई. जहर खाने से पहले उसने चिठ्ठी लिखी उसमें लिखा कि कर्ज के कारण आत्महत्या कर रहा हूं. सुसाइड नोट में किसान ने अपने क्रियाकर्म न करने की बात भी लिखी.
पिछले सप्ताह से किसानों की कर्ज मुक्ति के लिए चल रहे आंदोलन में वह सबसे सामने था. लेकिन सरकार किसानों की भाषा नहीं समझ रही. ऐसे में वह काफी परेशान हुआ और जयप्रकाश ने अंत में जहर खाकर आत्महत्या कर ली.
सोमवार को एक और किसान ने दी जान
ठीक ऐसे ही अहमदनगर के जामखेड़ तहसील में पिंपळखेड़ के दिगंबर कराडे (उम्र 66 साल) ने भी आत्महत्या कर ली है. इस किसान ने पेड़ से लटक कर अपनी जान दे दी है. रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने पांच एकड़ के नीचे वाले किसानों का कर्जा माफ किया था. लेकिन इस किसान के पास पांच एकड़ से कुछ ही ज्यादा खेती योग्य जमीन है. किसान ने ये सोचकर कि सरकार की कर्ज माफी के ऐलान का उसे कुछ भी फायदा नहीं मिलने वाला है. और साथ ही बैंक का 2,30,000 कर्जा कैसे चुकाएगा. इस विवेचना में सोमवार सुबह आत्महत्या कर ली. जामखेड़ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.