औरंगाबाद शहर में महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के एक अधिकारी की लापरवाही के कारण शहर में सब्जी बेचने वाले शख्स ने खुदकुशी कर ली. दरअसल इस शख्स के घर 8 लाख 64 हजार रुपये का बिजली का भेजा गया था, जिससे परेशान होकर इस शख्स ने आत्महत्या कर ली. खुदकुशी करने वाले शख्स का नाम भागिनाथ शेलके था.
इस साल बारिश कम होने के कारण खरीफ की फसल ठीक नहीं हुई जिसके चलते राज्य सरकार ने राज्य में तकरीबन 16 हजार गांव को सूखाग्रस्त घोषित किया, इसमें अधिकतर सूखाग्रस्त इलाके मराठवाड़ा और विदर्भ इलाके में हैं. सूखाग्रस्त घोषित किए जाने के चलते इन इलाकों के लोगों को और खासकर किसानों को बिजली के बिल में 35 फीसदी राहत देने की बात कही गई.
एक तरफ सरकार ने सूखाग्रस्त इलाके में लोगों को बिजली के बिल में राहत देने की तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित के एक अधिकारी ने औरंगाबाद के भारत नगर गांव में रहने वाले भागिनाथ शेलके को 2,803 रुपये बिल की जगह 8 लाख 64 हजार रुपये का बिल सौंप दिया. दरअसल भागिनाथ शेलके को इसी वर्ष जनवरी महीने में नया मीटर मिला था, उस समय उनके मीटर की रीडिंग 6117 यूनिट थी, लेकिन रीडिंग लिखने वाले कर्मचारी ने गलती की और 61178 यूनिट लिख दी, यानी असल यूनिट से 55061 यूनिट ज्यादा लिख दी गई.
इस बात की शिकायत शेलके ने कई बार औरंगाबाद के महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के दफ्तर में जाकर की लेकिन किसी ने भी उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, बिजली का बिल इतना ज्यादा होने के कारण सब्जियों का ठेला लगाने वाले भागिनाथ शेलके परेशान रहने लगा. फरवरी महीने से भागिनाथ शेलके, गारखेड़ा के महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के दफ्तर में चक्कर काट रहा था लेकिन कोई भी उसकी बात सुनने को तैयार नहीं था. भगिनाथ के रिश्तेदार ने 'आजतक' को बताया कि जूनियर अकाउंटेंट ने भागिनाथ को पूरा 8 लाख 64 हजार रुपये का बिल अदा करने के लिए कहा था जिससे वो और अधिक परेशान हो गया था.
भागिनाथ शेलके का परिवार औरंगाबाद के भारत नगर इलाके में टीनशेड में रहता है. गुरुवार सुबह पांच बजे जब भगिनाथ के घर पर कोई नहीं था. उनकी पत्नी गांव से बाहर गई हुए थी और बेटा आंगन में सोया था इसी दौरान भागिनाथ ने खुदखुशी कर ली. जानकारी के मुताबिक फांसी लगाने से पहले भागिनाथ ने सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उसने महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी को अपना मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया.
गुरुवार दोपहर 12 बजे तक, महावितरण के अधिकारीयों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. शुरुआत में अधिकारियों का कहना था कि ऐसी कोई बात नहीं है. लेकिन सुसाइड नोट के सामने आने के बाद एमएसईडी के अधिकारियों ने पूछताछ का फैसला लिया. इस मामले में, पुंडलिक नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. भागिनाथ के रिश्तेदारों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती वो भगिनाथ का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने प्रेस नोट के जरिए अपनी गलती मान ली और एक असिस्टेंट अकाउंटेंट को निलंबित भी कर दिया गया है.