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महाराष्ट्र के यवतमाल में किसानों के लिए मौत बना कीटनाशक, अब तक 20 की गई जान

किसानों के नेता देवेंद्र पवार ने बताया कि कई किसानों ने छिड़काव के दौरान कीटनाशक सूंघ लिया. जिससे 20 किसानों की अब तक मौत हो चुकी है. वहीं, कई किसान अपनी आखें खो चुके हैं. यह कीटनाशक इतना खतरनाक है कि इसकी चपेट में आने से तकरीबन 700 किसान अस्पताल में भर्ती हैं. पवार ने आगे बताया कि इतने किसानों की मौत के बावजूद अब तक सरकार कोई कदम नहीं उठा सकी है. सरकार हमारी नहीं सुन रही है. इसीलिए हम अब कोर्ट जाने की तैयारी में है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

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महाराष्ट्र के यवतमाल में कथित तौर पर कीटनाशकों से किसानों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. बीते एक माह से अब तक कीटनाशक के संपर्क में आने से 20 किसानों की मौत हो गई है. जबकि सैकड़ों किसान और मजदूर अस्पतालों में भर्ती हैं.

किसानों के नेता देवेंद्र पवार ने बताया कि कई किसानों ने छिड़काव के दौरान कीटनाशक सूंघ लिया. जिससे 20 किसानों की अब तक मौत हो चुकी है. वहीं, कई किसान अपनी आखें खो चुके हैं. यह कीटनाशक इतना खतरनाक है कि इसकी चपेट में आने से तकरीबन 700 किसान अस्पताल में भर्ती हैं.

पवार ने आगे बताया कि इतने किसानों की मौत के बावजूद अब तक सरकार कोई कदम नहीं उठा सकी है. सरकार हमारी नहीं सुन रही है. इसीलिए हम अब कोर्ट जाने की तैयारी में है.

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उधर, वसंतराव नाइक शेती स्वालंबन मिशन के चेयरमैन किशोर तिवारी का कहना है, "किसान कीटनाशक छिड़कते समय एहतियात नहीं बरतते हैं. उन्हें कीटनाशक का छिड़काव करते समय मास्क पहनना चाहिए. इस इलाके में गर्मी ज्यादा है ये बात किसानों को मालूम है इसक बावजूद वो गर्मी में छिड़काव करते हैं. उन्हें समय बदलना चाहिए."    

कीटनाशक की रोकथाम को लेकर पूछे गए सवाल पर तिवारी ने कहा कि, "प्रिंसिपल सेक्रेटरी, डायरेक्टर क्वालिटी कंट्रोल और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम खेतों पर जा रही है और किसानों से भी संपर्क में है. हम इस मामले पर निगाह बनाए हुए हैं और जल्द कोई निर्णय लेंगे. यदि कीटनाशक में विषैला पदार्थ ज्यादा मात्रा में है तो उस पर हम पाबंदी लगाएंगे."

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