महाराष्ट्र में किसान आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. नासिक से निकले आक्रोशित किसान मुंबई की तरफ मार्च कर रहे हैं. किसानों का आक्रोश मुंबई की दहलीज पर पहुंच गया है. बड़ी तादाद में किसान भिवंडी पहुंचे गए हैं. सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ ये किसान 12 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे.
करीब 30 हजार किसानों का जत्था 6 मार्च को नासिक से मुंबई की तरफ निकला था. करीब 180 किलोमीटर लंबी इस यात्रा के तहत ये किसान अब मुंबई के द्वार पर पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने डेरा डाल लिया है. ये किसान अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं. ऐसा पहली बार है जब जब किसान अपने परिवार के साथ सड़कों पर उतरे हैं. नासिक से निकलने के बाद किसानों के इस आक्रोश में हर शहर से किसान जुड़तेजा रहे हैं.
हालांकि, अभी तक महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की किसी भी मांग पर विचार नहीं किया है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर इनकी मांग पूरी नहीं की गई तो ये विधानसभा का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.
-आंदोलन कर रहे किसानों की पहली मांग पूरे तरीके से कर्जमाफी है. बैंकों से लिया कर्ज किसानों के लिए बोझ बन चुका है. मौसम के बदलने से हर साल फसलें तबाह हो रही है. ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले.
- किसान संगठनों का कहना है कि महाराष्ट्र के ज्यादातर किसान फसल बर्बाद होने के चलते बिजली बिल नहीं चुका पाते हैं. इसलिए उन्हें बिजली बिल में छूट दी जाए.
- फसलों के सही दाम न मिलने से भी वो नाराज है. सरकार ने हाल के बजट में भी किसानों को एमएसपी का तोहफा दिया था, लेकिन कुछ संगठनों का मानना था कि केंद्र सरकार की एमएसपी की योजना महज दिखावा है.
- किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू करने की मांग किसान कर रहे हैं.