भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी (Stan Swamy) का निधन हो गया है. हाल ही में बहुत ज्यादा तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन सोमवार दोपहर को बॉम्बे हाईकोर्ट को जानकारी दी गई है कि उनका निधन हो गया है.
84 साल के स्टेन स्वामी को 30 मई को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर ही मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लंबे इलाज के बाद उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया था, जिसके बाद सोमवार यानी 5 जुलाई 2021 को उनका निधन हो गया.
लंबे वक्त से बीमार चल रहे फादर स्टेन स्वामी को रविवार को ही वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. शनिवार को ही स्टेन स्वामी को वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचना दी थी कि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है.
नहीं मिल पाई थी ज़मानत
लंबे वक्त से बीमार चल रहे स्टेन स्वामी की ओर से इसी साल बॉम्बे हाईकोर्ट में बेल के लिए अर्ज़ी लगाई गई थी. लेकिन बेल नहीं मिल पाई थी क्योंकि एनआईए ने इसका विरोध किया था. स्टेन स्वामी की ओर से बताया गया था कि जेल में उनकी हालत हर रोज़ बिगड़ रही है, ऐसे में उनका अस्पताल जाना काफी ज़रूरी है. जब स्टेन स्वामी की हालत काफी बिगड़ गई, तब मई महीने में कोर्ट की ओर से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने का निर्देश दिया गया.
पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी, भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़ा था नाम
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने फादर स्टेन स्वामी को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था, तब से उन्हें तालोजा जेल हॉस्पिटल में रखा गया था. 31 दिसंबर, 2017 में पुणे में एलगार परिषद के कार्यक्रम में दिए गए भाषणों को आधार बनाते हुए स्टेन स्वामी पर केस दर्ज किया गया था. NIA द्वारा स्टेन स्वामी पर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया था.
इसी कार्यक्रम के एक दिन बाद भीमा-कोरेगांव में भयानक हिंसा हुई थी, जिसमें काफी लोगों की जान गई थी और बड़ा बवाल हुआ था. पुणे पुलिस ने इस मामले में खुलासा किया था कि इस पूरी साजिश में माओवादियों का भी कनेक्शन था. इसी कनेक्शन को लेकर स्टेन स्वामी पर नकेल कसी गई थी.
गौरतलब है कि स्टेन स्वामी की गिनती देश के उन एक्टिविस्ट में होती है, जिन्होंने लंबे वक्त तक आदिवासियों, दलितों और अन्य पिछड़े तबके के लोगों के लिए आवाज़ उठाई. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले स्टेन स्वामी ने गरीब तबके के बच्चों के लिए स्कूल चलाने का भी काम किया.