महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक मां ने अपने 6 महीने के बच्चे के साथ गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली. सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से महिला के शव को निकला. वहीं, 6 महीने के बच्चे का शव दूसरे दिन छत्रपति संभाजीनगर और पैठण फायर ब्रिगेड की मदद से पानी से निकाला गया.
पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को महिला डॉक्टर रिक्शा स्टैंड पर आई और यह कहकर रिक्शा में बैठ गई कि वह चंगतपुरी जा रही है. सुबह करीब 7 बजे जब रिक्शा पाटेगांव ब्रिज पर पहुंचा, तो महिला पानी देखने के लिए रिक्शा से उतर गई. रिक्शा से उतरते ही महिला अपने बच्चे के साथ गोदावरी नदी में कूद गई. रिक्शा चालक के चिल्लाने पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए.
ये भी पढ़ें- नागपुर में एक ही परिवार के 4 लोग फांसी से लटके मिले... घटना के पीछे क्या वजह, जांच में सामने आई ये कहानी
दूसरे दिन निकाला गया 6 महीने के बच्चे का शव
पैठण पुलिस को खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. इसके बाद स्थानीय मछुआरों ने गोदावरी नदी में उतरकर दो घंटे तक महिला और बच्चे की तलाश की. इस बचाव अभियान के बाद मृत महिला को 200 फीट की दूरी से नदी से बाहर निकाला गया और अगले दिन छत्रपति संभाजीनगर और पैठण फायर ब्रिगेड की मदद से 6 महीने के बच्चे का शव पानी से बाहर निकाला गया.
स्तनपान नहीं करा पा रही थी महिला डॉक्टर
पैठण पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक संजय देशमुख ने बताया कि 29 वर्षीय महिला डॉक्टर की शादी को करीब 7 साल पहले हुई थी. उसके दो बेटे थे. एक लड़का 6 साल का और दूसरा 6 महीने का है. दूसरे बच्चे के जन्म के बाद से ही महिला के स्तन से बच्चे के लिए दूध नहीं बन रहा था, जिससे महिला डॉक्टर काफी परेशान थी.
मानसिक तनाव में थी डॉक्टर
डॉक्टर बेटी के इलाज के लिए उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने महिला को स्तनपान न कराने के कारण मानसिक तनाव की बात बताई और माता-पिता से कहा कि उसे काफी मानसिक तनाव है और वे उसका ख्याल रखें. फिलहाल, पैठण पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मौत के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस आगे की जांच कर रही है.
नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)